Mahashivratri 2023: भगवान शिव के प्रिय बेलपत्र को तोड़ते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान
Mahashivratri 2023 हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है और हर वर्ष यह पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यहां पर 18 फरवरी 2023 के दिन मनाया जाएगा।
नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Mahashivratri 2023: सनातन धर्म में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से भक्तों को सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस वर्ष यह पर्व 18 फरवरी 2023, शनिवार (Mahashivratri 2023 Date) के दिन मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। जैसा कि हम जानते हैं कि शिवजी की पूजा में बेलपत्र को निश्चित रूप से प्रयोग में लाया जाता है और इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए शास्त्रों में बेलपत्र तोड़ने और उसका प्रयोग करने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं, जिसका पालन सभी को करना चाहिए। आइए जानते हैं बेलपत्र तोड़ने और अर्पित करने की कुछ विशेष नियम।
महाशिवरात्रि 2023 बेलपत्र के नियम (Mahashivratri 2023 Belpatra Puja Niyam)
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शास्त्रों में बताया गया है बेलपत्र को किसी भी महीने के चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, प्रदोष व्रत, शिवरात्रि, सोमवार एवं अमावस्या तिथि को नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति पाप का भागीदार होता है।
साथ ही बेलपत्र तोड़ते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आप पेड़ की पूरी टहनी ना तोड़ें। एक-एक कर पत्ते को ही जमा करें।
बेलपत्र को तोड़ने से पहले भगवान शिव और माता पार्वती को स्मरण करें और फिर बेलपत्र वृक्ष को नमस्कार करते हुए पत्ते तोड़ना प्रारंभ करें।
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हुए इस बात का ध्यान रखें कि वह कटे या मुरझाए हुए ना हो। साथ ही बेलपत्र अर्पित करने से पहले उन्हें अच्छे से धो लें और फिर शिवलिंग पर अर्पित करें।
बेलपत्र चढ़ाते समय निरंतर 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भगवान शिव से मन ही मन प्रार्थना करें। इसके साथ बेलपत्र पर 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
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