Mahashivratri 2024: ऐसे रखें महाशिवरात्रि का व्रत, यहां जानिए सही नियम
महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन कठिन उपवास का पालन करते हैं उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही उनके ऊपर भगवान शिव की पूर्ण कृपा बनी रहती है। तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि का पर्व आज मनाया जा रहा है। आखिरकार शिव भक्तों का इंतजार खत्म हो गया है। यह दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन साधक कठिन व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो जातक इस दिन भाव के साथ पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें शिव परिवार का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
महाशिवरात्रि पूजा का समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 08 मार्च रात्रि 09 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 09 मार्च शाम 06 बजकर 17 मिनट पर होगा। भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल के दौरान ज्यादा शुभ मानी जाती है।उपवास के प्रकार
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत तीन प्रकार के होते हैं -1. निर्जला व्रत - इस दौरान व्रती कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं, पूरा दिन वे सिर्फ अपने उपासक की प्रार्थना करते हैं।
2. फलाहार व्रत - इसमें जातक फल, सूखे मेवे, चाय, पानी, जूस, आलू और साबूदाने का सेवन करते हैं। हालांकि इस व्रत में नमक खाना वर्जित माना गया है।
3.समाप्ता व्रत- इसमें भक्त एक बार भोजन कर सकते हैं, जिसमें तामसिक चीजें शामिल नहीं की गई हैं।
इस विधि से रखें महाशिवरात्रि का व्रत
- सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
- शिव परिवार की पूजा विधिपूर्वक करें।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- पूरे दिन फलों का सेवन करें या तरल पदार्थ ग्रहण करें।
- जो व्रती किसी कारणवश ऐसा करने में असमर्थ हैं, तो वे एक समय भोजन कर सकते हैं।
- किसी शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग को जल चढ़ाएं। साथ ही कुछ दान-पुण्य अवश्य करें।
- अगले दिन सुबह भगवान शिव के प्रसाद से अपना व्रत खोलें।