Move to Jagran APP

Mahashivratri 2024: कर रहे हैं महाशिवरात्रि का व्रत, तो पूर्ण फल प्राप्ति के लिए ध्यान रखें ये नियम

महाशिवरात्रि का व्रत हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर किया जाता है। ऐसे में आज यानी 08 मार्च 2024 शुक्रवार के दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। इस तिथि पर भक्त भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन और व्रत करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं महाशिवरात्रि व्रत के कुछ जरूरी नियम।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 08 Mar 2024 09:53 AM (IST)
Hero Image
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि व्रत के जरूरी नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahashivratri vrat Niyam: महाशिवरात्रि, सनातन धर्म के मुख्य व्रत-त्योहारों में से एक है। इस पर्व को हिंदू अनुयायियों द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।  माना जाता है कि महाशिवरात्रि का व्रत को करने से साधक को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही साधक की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि व्रत सफल हो सके।

न करें ये काम

यदि आप महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं, तो इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि इस दिन में सोने से बचना चाहिए। ऐसा करने से आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का ध्यान करें और मन को शांत रखें। इस दिन भूलकर भी मन में नकारात्मक विचारों को नहीं लाना चाहिए।

खानपान संबंधी नियम

महाशिवरात्रि व्रत के दौरान सफेद नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इस व्रत के दौरान अनाज जैसे चावल, गेहूं, जौ, बाजरा, मक्का का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही मूंगफली, चना, राजमा, मटर आदि के सेवन की भी मनाही है। इसके स्थान पर आप फलाहार कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें - Shukra Pradosh 2024: महाशिवरात्रि के साथ आज मनाया जा रहा है प्रदोष व्रत, जानिए पूजा का समय और विधि

इन बातों का रखें ध्यान

महाशिवरात्रि के दिन व्रत न रखने वाले व्यक्ति को भी मांस-मदिरा आदि के सेवन से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही तामसी भोजन, जिसमें लहसुन-प्याज का इस्तेमाल किया गया हो, उससे भी दूरी बनाए रखें। ऐसा करने से आपको शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। 

WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें

कैसे करें परिक्रमा 

महाशिवरात्रि के दिन पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग का पूजा करने के बाद लिंग की आधी परिक्रमा करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इसे कभी भी उलांघना नहीं चाहिए, वरना दोष लग सकता है। 

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'