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Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर रुद्राक्ष धारण करने से मिलते हैं कई लाभ, बस ध्यान रखें ये बातें

हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इस साल यानी 2024 में महाशिवरात्रि का पर्व 08 मार्च शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। धार्मिक पुराणों में महाशिवरात्रि का व्रत अत्यंत लाभकारी बताया गया है। ऐसे में आप इस महाशिवरात्रि पर इन नियमों के साथ रुद्राक्ष धारण करने से आपको महादेव की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 21 Feb 2024 12:09 PM (IST)
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Mahashivratri 2024 महाशिवरात्रि पर रुद्राक्ष धारण करने के नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahashivratri Vrat 2024: फाल्गुन माह की शुरुआत होते ही शिव भक्तों को महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है। यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का दिन माना गया है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं  इसी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह हुआ था। भगवान शिव का ही अंश माने गए रुद्राक्ष को धारण करने के लिए कुछ शुभ दिन बताए गए हैं, जिसमें से महाशिवरात्रि भी एक है। ऐसे में आप इस विशेष दिन पर रुद्राक्ष धारण कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

इस दिन कर सकते हैं धारण

रुद्राक्ष को धारण करने के लिए अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण सोमवार और शिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसे में आप 2024 में आने वाली शिवरात्रि को रुद्राक्ष धारण कर इसका विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

ऐसे करें धारण

शास्त्रों के अनुसार, रुद्राक्ष को गले या कलाई में धारण करना अच्छा माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं, तभी इसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकता है। रुद्राक्ष धारण करने के लिए सबसे पहले उसे दूध और सरसों के तेल से अच्छी तरह साफ करना चाहिए। साथ ही रुद्राक्ष धारण करते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप भी करना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

अगर आप हाथ में रुद्राक्ष धारण कर रहे हैं तो 12 दाने और गले में पहन रहे है, तो 36 दाने वाली माला पहननी चाहिए। रुद्राक्ष को कभी भी काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए। साथ ही कभी इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी को उपहार के रूप में रुद्राक्ष नही  देना चाहिए और न ही किसी दूसरे से लेना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने के बाद मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

इस जगहों पर न करें धारण

शास्त्रों में माना गया है कि रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट में पहनकर नहीं जाना चाहिए। अगर आप ऐसे स्थान पर जाते भी हैं, तो इसे उतार कर जाएं। वहीं, घर में नवजात के जन्म के दौरान भी रुद्राक्ष धारण करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं को मासिक धर्म में रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। समय-समय पर रुद्राक्ष को गंगाजल से साफ करते रहना चाहिए, ताकी उसकी पवित्रता बनी रहे।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'