MahaShivratri 2024: बेहद रहस्यमयी है महाशिवरात्रि का इतिहास, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त
पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2024) कई कारणों से महत्व रखती है। एक मान्यता यह है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था और यह त्योहार उनके दिव्य मिलन का जश्न मनाने के लिए हर साल मनाया जाता है। साथ ही यह शिव और शक्ति के मिलन का भी प्रतीक है।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sun, 25 Feb 2024 04:00 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। MahaShivratri 2024: महाशिवरात्रि का महापर्व हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। शिव भक्तों के लिए इस व्रत का विशेष महत्व है। भोलेनाथ की पूजा के लिए महाशिवरात्रि का दिन सबसे अच्छा और शुभ माना जाता है, इसलिए शिव भक्त इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते है। महाशिवरात्रि का शाब्दिक अर्थ 'शिव की महान रात' है। तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
महाशिवरात्रि तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च, 2024 को रात्रि 09 बजकर 57 पर शुरू होगी। वहीं अगले दिन यानी 09 मार्च, 2024 शाम 06 बजकर 17 मिनट पर इसका समापन होगा। जानकारी के लिए बता दें, शिवरात्रि की पूजा रात्रि को होती है, इसलिए इस दिन उदयातिथि देखना जरुरी नहीं है।महाशिवरात्रि का इतिहास
हिंदू पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि कई कारणों से महत्व रखती है। एक मान्यता यह है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था, और यह त्योहार उनके दिव्य मिलन का जश्न मनाने के लिए हर साल मनाया जाता है। साथ ही यह शिव और शक्ति के मिलन का भी प्रतीक है।
वहीं इस पर्व को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन महादेव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले जहर को पीकर दुनिया को अंधकार से बचाया था, जिसके चलते उनका गला नीला हो गया था और वे नीलकंठ कहलाएं।
इसके अलावा महाशिवरात्रि शिव और उनके नृत्य 'तांडव' के बारे में बात करती है। ऐसा कहा जाता है कि भोलेनाथ इस रात 'सृजन, संरक्षण और विनाश' का अपना लौकिक नृत्य करते हैं।यह भी पढ़ें: Mahashivratri 2024: महिलाएं जरूर रखें महाशिवरात्रि का व्रत, विवाह से जुड़ी दूर होंगी सारी समस्याएं
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'