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Mahashivratri 2024: महिलाएं जरूर रखें महाशिवरात्रि का व्रत, विवाह से जुड़ी दूर होंगी सारी समस्याएं

महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) का पर्व बेहद शुभ माना गया है। इस साल यह 8 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन को लोग भगवान शंकर और माता पार्वती के विवाह महोत्सव के रूप में पूजते हैं जहां हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की पूजा सुबह होती है वहीं महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि को होती है। इस दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sun, 25 Feb 2024 09:22 AM (IST)
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Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि तिथि और पूजा समय
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahashivratri 2024: सनातन धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व का बेहद महत्व है। यह फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन को लोग भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह महोत्सव के रूप में मनाते हैं,

जहां हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की पूजा सुबह होती है, वहीं महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि को होती है। इस दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।आइए महाशिवरात्रि से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं, जो यहां दी गई हैं।

महाशिवरात्रि तिथि और पूजा समय

  • इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी।
  • चतुर्दशी तिथि की शुरुआत- 08 मार्च रात्रि 09:57 बजे से
  • चतुर्दशी तिथि का समापन- 09 मार्च शाम 06:17 बजे
  • पूजा का समय - सुबह 12:07 से 12:56 बजे तक।
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महिलाओं के लिए खास है महाशिवरात्रि

अविवाहित और विवाहित महिलाओं के लिए यह पर्व बेहद खास है, क्योंकि इसका व्रत दोनों ही करती हैं। यदि अविवाहित महिलाएं इस पवित्र व्रत को रखती हैं, तो उन्हें अच्छा जीवन साथी भगवान शिव के दिव्य आशीर्वाद से प्राप्त होता है।

वहीं, विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए यह व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा से असंभव और चुनौतीपूर्ण कार्य भी संभव हो जाते हैं।

महाशिवरात्रि पूजन मंत्र

  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

    उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

  • ।। ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।
  • शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

    ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'