Shardiya Navratri 2024: वर्षों बाद महाष्टमी पर 'सुकर्मा' योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा दोगुना फल
सनातन शास्त्रों में मां दुर्गा (Mahashtami 2024 Sukarma Yog) की महिमा का गुणगान किया गया है। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। शारदीय नवरात्र के नौ दिनों तक मां दुर्गा की श्रद्धा भाव से पूजा एवं उपासना की जाती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 07 Oct 2024 04:20 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। तंत्र सीखने वाले साधक अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की कठिन भक्ति करते हैं। सामान्य जन मां दुर्गा के निमित्त व्रत रखते हैं। जग की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्र की अष्टमी तिथि पर दुर्लभ सुकर्मा योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में मां दुर्गा (Mahashtami 2024 Sukarma Yog) की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। आइए, शुभ योग और मुहूर्त जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक है। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस वर्ष अष्टमी एवं नवमी तिथि एक साथ है। इसके लिए अष्टमी और नवमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। साधक दिन की बेला में व्रत रख मां दुर्गा की उपासना कर सकते हैं।सुकर्मा योग
शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर दुर्लभ सुकर्मा योग का दिन भर है। वहीं, समापन दशहरा यानी 12 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 47 मिनट पर होगा। ज्योतिष शुभ कार्यों के लिए सुकर्मा योग को शुभ एवं श्रेष्ठ मानते हैं। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा एवं साधना कर सकते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो सुकर्मा योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
शिववास योग
शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर शिववास योग का संयोग बन रहा है। इस शुभ तिथि पर देवों के देव महादेव जगत की देवी मां गौरी के साथ रहेंगे। शिववास योग दिन भर है। इस दौरान भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।करण
शारदीय नवरात्र की षष्ठी तिथि पर बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष बव और बालव करण को शुभ मानते हैं। इस शुभ दिन पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को शुभ कार्य में सफलता मिलती है।पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 20 मिनट परसूर्यास्त - शाम 05 बजकर 55 मिनट परचन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 55 मिनट पर चन्द्रास्त - देर रात 12 बजकर 19 मिनट पर (अक्टूबर 12)ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 41 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 55 से 06 बजकर 20 मिनट तक निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तकयह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024: नवदुर्गा के किस स्वरूप की पूजा से मिलता है क्या लाभ, जरूर जानें डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।