Mahesh Navami 2024: महेश नवमी के दिन इस नियम के साथ करें भगवान शिव की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र और भोग
महेश नवमी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग शिव जी की पूजा करते हैं। यह पर्व माहेश्वरी समाज (Maheshwari community) में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। वहीं इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। इस बार यह पर्व 15 जून 2024 को मनाया जाएगा तो आइए इस तिथि से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। महेश नवमी का पर्व हर साल भव्यता के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। भोलेनाथ का एक नाम महेश भी है और उन्हीं के इस नाम पर यह पर्व मनाया जाता है। यह पर्व माहेश्वरी समाज (Maheshwari community) के लोगों के बीच ज्यादा प्रचलित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माहेश्वरी समाज का संस्थापक भगवान शिव को ही माना जाता है।
इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से सुख, शांति, धन और ज्ञान में वृद्धि होती है, तो चलिए इस दिन (Mahesh Navami 2024) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों को जानते हैं -
महेश नवमी 2024, शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 15 जून, 2024 को सुबह 12 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 16 जून, 2024 को मध्यरात्रि 02 बजकर 32 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए महेश नवमी 15 जून, 2024 को मनाई जाएगी।
शिव जी का भोग - सफेद मिठाई और ठंडाई
महेश नवमी की पूजा विधि
महेश नवमी के दिन भक्त सुबह उठें और स्नान करें। इसके बाद भगवान शिव का पंचामृत, गंगाजल व शुद्ध जल से अभिषेक करें। उन्हें बेल पत्र, चंदन, भस्म, सफेद पुष्प, गंगाजल, भांग, धतूरा आदि चीजें चढ़ाएं। इसके बाद उन्हें त्रिपुंड लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं। फिर शिव चालीसा का पाठ और शिव आरती करें।
अंत में शंखनाद करें। डमरू बजाकर भगवान शिव के वैदिक मंत्रों का जाप अवश्य करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमायाचना करें।
शिव मंत्र
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनं नावहेदुः शं नो भवद्विषवः
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि तन्नोरुद्र: प्रचोदयात्