Makar Sankranti 2022: जानिए, मकर संक्रांति पतंग उड़ाने का क्या संबंध है प्रभु श्री राम से
Makar Sankranti 2022 पंतग को भारतीय संस्कृति में स्वतंत्रता उन्मुक्तता और शुभता का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इसके साथ ही मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का संबंध भगवान श्री राम से जोड़ा जाता है आइए जानते हैं इस कथा के बारे में....
By Jeetesh KumarEdited By: Updated: Fri, 14 Jan 2022 05:00 AM (IST)
Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति का पर्व भगवान सूर्य की उपासना का पर्व है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने, पवित्र नदियों में स्नान करने और तिल-गुड़ व खिचड़ी दान करने की परंपरा है। इसके साथ ही मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा बहुत प्रचीन काल से चली आ रही है। मकर संक्रांति के दिन आसमान रंग-बिरंगी पंतगों से भरा होता है। पंतग को भारतीय संस्कृति में स्वतंत्रता, उन्मुक्तता और शुभता का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इसके साथ ही मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का संबंध भगवान श्री राम से जोड़ा जाता है आइए जानते हैं इस कथा के बारे में....
मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाते हैं पतंगमकर संक्रांति शीत ऋतु की समाप्ति और बंसत ऋतु के आगमन का पर्व है। सभी लोग इस काल जाड़े की शिथिलता और आलस्य को त्याग कर हर्षोल्लास से भरे होते हैं। पतंग का संबंध भी उन्मुक्तता और उल्लास से है। लेकिन इसके साथ ही मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का संबंध भगवान श्री राम से भी जोड़ा जाता है। जनश्रुति के अनुसार रामायण काल में मकर संक्रांति के दिन प्रभु श्री राम ने अयोध्या वासियों के उल्लास और शुभ की कामना से पतंग उड़ाई थी। वो पतंग उड़ते-उड़ते इंद्रलोक पहुंच गई। इंद्र लोक में जब इंद्रपुत्र जयंत की पत्नि को मिली। जयंत की पत्नि पतंग को देख कर प्रसन्न होने लगी। उनके मन में पतंग उड़ाने वाले के प्रति कौतूहल जागने लगा। उन्हें लगा की पतंग उड़ाने वाला इसे लेने जरूर आएगा। लेकिन राम जी ने पतंग लाने के लिए पवन पुत्र हनुमान जी को भेज दिया।
हनुमान जी ने कराए श्री राम के दर्शनइंद्रलोक में हनुमान जी को देख कर जयंति की पत्नि ने पूछा की क्या ये पतंग आप ही उड़ा रहे थे। तब हनुमान जी ने कहा कि नहीं, पतंग उनके प्रभु श्री राम ने अध्यावासियों के आग्रह पर उड़ाई थी। इस पर जयंत की पत्नि ने प्रभु श्री राम के दर्शन की इच्छा व्यक्त की। हनुमान जी के आग्रह पर भगवान राम ने जयंत की पत्नि को दर्शन दिए और उनको जीवन में शुभता और मंगल का आशीर्वाद भी दिया। मान्यता है इस दिन से ही मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा चली आ रही है।
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