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New date of makar Sankranti 2023: बदल गई है मकर संक्रांति की तारीख जानिए क्या है नई तिथि और इस बदलाव का कारण

Makar Sankranti 2023 date change बरसों से मकर संक्रांति का पर्व14 जनवरी को मनाई जाती रही है। पिछले कुछ सालों से इसकी तिथि को लेकर संदेह बना रहता है। अब इस बारे में कुछ नई जानकारी सामने आई है।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sun, 15 Jan 2023 07:41 AM (IST)
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मकर संक्रांति को लेकर इस बार भी लोग संशय में थे कि यह त्योहार कब मनाया जाएगा।

नई दिल्ली, New date of makar Sankranti 2023: हमेशा जनवरी माह में 13 तारीख को लोहड़ी या बैसाखी मनाई जाती रही है, और उसके बाद 14 तारीख को खिचड़ी या मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। कुछ समय से निश्चित तारीख को मनाए जाने वाले इस हिंदू पर्व की तिथि को लेकर विवाद बना रहता है। इस बार भी लोग संशय में थे कि यह त्योहार कब मनाया जाएगा।

ज्योतिषियों का बदला मत

खिचड़ी की तिथि को लेकर ज्योतिषियों की राय बदलने लगी है यह कहना है पंडित दीपक पांडे का उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति की नई तिथि अब 15 जनवरी होगी स्थिति को मान्यता देने के लिए ज्योतिषियों में सहमति बन रही है लोक मान्यता रही है की संक्रांति हर साल 14 जनवरी को पड़ती है जब सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करते हैं स्थिति में बदलाव आ रहा है इसी कारण ग्रह और नक्षत्रों की चाल देखते हुए नई तिथि के बारे में सहमति बन रही है जोकि 15 जनवरी होगी यानी अब मकर संक्रांति प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी।

ग्रह और नक्षत्रों की बदल रही है गति

ग्रह नक्षत्रों की गणना के अनुसार तिथि का मान चाहे जो भी हो गंगा एवं अन्य पवित्र नदियों के तट पर स्नान दान 14 तारीख को ही होता रहा है ,और इसीलिए पंचांग के अनुसार पर्व मनाने वालों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। वे 14 को खिचड़ी बनाएं या 15 जनवरी को। हालांकि मकर संक्रांति एकमात्र त्योहार नहीं है, जिसको लेकर इस तरह का संशय होता है। कई सालों से रक्षाबंधन, दिवाली और होली की तिथि को लेकर भी ऐसी परिस्थितियां पैदा होती रही हैं। इसको देखते हुए ही ज्योतिषाचार्यों ने पंचांग में खासकर मुख्य पर्वों की तिथियों को समानता देने के प्रयास शुरू किए। पंडित जी के अनुसार करीब 2 साल पहले इस बारे में विचार करने के लिए काशी में एक सभा का आयोजन भी किया गया था। जिसमें कोई निर्णय नहीं हो पाया। इस वर्ष विद्वानों ने देखा सूर्य ग्रह और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र की गति ही ऐसी है, कि मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जा सकती है। वास्तव में उत्तरा अषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण में जब सूर्य, धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब ही मकर संक्रांति मनाई जा सकती है। इस बार ऐसा 15 जनवरी को ही हो रहा है। आंकलन के अनुसार आने वाले समय में भी ऐसा ही होने की संभावना है। इसीलिए ज्योतिषाचार्यों का मत बन रहा है, कि 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति की नई तिथि निश्चित कर दिया जाए।