Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर बन रहा खास योग, सुख-समृद्धि के लिए ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा
Makar Sankranti 2023 मकर संक्रांति के दिन स्नान दान के साथ सूर्य देव की पूजा करना विशेष माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य के साथ शनिदेव की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Mon, 09 Jan 2023 04:52 PM (IST)
नई दिल्ली, Makar Sankranti 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्यदेव 14 जनवरी को रात में मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। सूर्य के किसी राशि में प्रवेश करने से संक्रांति बनती है। ऐसे में 14 जनवरी ौर 15 जनवरी को मकर संक्रांति होगी। लेकिन सूर्यदेव 14 जनवरी को शाम के समय गोचर कर रहे हैं। इस कारण 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस पर्व को उत्तरायण का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन स्नान-दान के साथ भगवान सूर्य की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा और हर क्षेत्र में सफलता पाएंगे। जानिए मकर संक्रांति के दिन कैसे करें सूर्यदेव की पूजा।
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मकर संक्रांति 2023 का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 43 मिनट पर होगी। मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगा, जो शाम 05 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगा।
मकर संक्रांति पर ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा
मकर संक्रांति के दिन सूर्य शनिदेव की राशि मकर में प्रवेश करते हैं। इसलिए इस दिन सूर्यदेव के साथ शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।मकर संक्रांति के दिन सुबह उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साथ सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल भर लें और उसमें थोड़ा सा सिंदूर, अक्षत और लाल फूल डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इसके साथ ही मकर संक्रांति के अवसर पर भगवान सूर्य को गुड़, तिल, खिचड़ी आदि का भोग लगाएं। इसके साथ विधिवत आरती कर लें।
मकर संक्रांति पर करें इन मंत्रों का जाप
मकर संक्रांति के खास मौके पर सूर्यदेव की पूजा करने के साथ इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।