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Makar Sankranti 2024: वर्ष 2024 में कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

Makar Sankranti 2024 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि के निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इस घटना को संक्रांति कहा जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं और क्योंकि शनि देव मकर राशि के स्वामी हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 13 Sep 2023 07:17 PM (IST)
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Makar Sankranti 2024 वर्ष 2024 में कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Makar Sankranti 2024 Date: मकर संक्रांति को हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है। यानी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि वर्ष 2024 में मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी।

मकर संक्रांति 2024 तिथि (Makar Sankranti 2024 Date)

वर्ष 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव प्रातः 02 बजकर 54 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस अवसर पर शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा।

मकर संक्रांति पुण्यकाल - 07 बजकर 15 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक

मकर संक्रांति महा पुण्यकाल - 07 बजकर 15 मिनट से 09 बजकर 06 मिनट तक

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मकर संक्रांति का महत्व (Makar Sankranti Significance)

वेदों में मकर संक्रांति को महापर्व के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने पर सभी कष्टों का निवारण हो जाता है। इसलिए इस दिन दान, तप, जप का विशेष महत्व है। सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे - पवित्र नदी में स्नान, भगवान सूर्य को नैवेद्य अर्पित करना, दान या दक्षिणा देना, श्राद्ध अनुष्ठान करना और व्रत पारण करना, मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल में किए जाते हैं। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पानी में काले तिल और गंगाजल मिलाकर स्नान करने से कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं। साथ ही सूर्य देव की कृपा भी प्राप्त होती है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'