Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर करें भगवान सूर्य की विशेष पूजा, जानें इसका धार्मिक महत्व
Makar Sankranti 2024 मकर संक्रांति का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। यह दिन पूरी तरह से भगवान सूर्य (Lord Surya) की पूजा के लिए समर्पित है। भक्त इस विशेष दिन पर भगवान सूर्य की पूजा करते हैं। साथ ही भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं। इसके अलावा यह दिन वसंत ऋतु की शुरुआत और नई फसलों की कटाई का प्रतीक है।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sun, 24 Dec 2023 10:58 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Makar Sankranti 2024: सनातन धर्म में मकर संक्रांति पर्व का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। इसे लोग उत्साह के साथ मनाते हैं। यह वह दिन है, जब भगवान सूर्य दक्षिण से उत्तर गोलार्ध में अपनी गति शुरू करते हैं। इस शुभ दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि तक यात्रा करते हैं। पंचांग के अनुसार, इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी।
मकर संक्रांति 2024 तिथि
आने वाले साल में मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी, क्योंकि इस दिन सूर्य धनु राशि में अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं। सुबह 02:54 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं।मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। यह दिन पूरी तरह से भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है। भक्त इस विशेष दिन पर भगवान सूर्य की पूजा करते हैं। साथ ही भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं।
इसके अलावा यह दिन वसंत ऋतु की शुरुआत और नई फसलों की कटाई का प्रतीक है। इस शुभ दिन पर, भक्त गंगा, यमुना, नर्मदा और शिप्रा नदी में पवित्र स्नान करते हैं और भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान और जरूरतमंद लोगों को भोजन, दालें, अनाज, गेहूं का आटा और ऊनी कपड़े दान करना शुभ माना जाता है। इस दिन को लेकर लोगों की अपनी- अपनी मान्यताएं और नियम हैं।
सूर्य कवचश्रणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्। शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम्।।देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम। ध्यात्वा सहस्त्रं किरणं स्तोत्र मेततु दीरयेत्।।शिरों में भास्कर: पातु ललाट मेडमित दुति:। नेत्रे दिनमणि: पातु श्रवणे वासरेश्वर:।।ध्राणं धर्मं धृणि: पातु वदनं वेद वाहन:। जिव्हां में मानद: पातु कण्ठं में सुर वन्दित:।।
सूर्य रक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्ज पत्रके। दधाति य: करे तस्य वशगा: सर्व सिद्धय:।।सुस्नातो यो जपेत् सम्यग्योधिते स्वस्थ: मानस:। सरोग मुक्तो दीर्घायु सुखं पुष्टिं च विदंति।।यह भी पढ़ें: Margashirsha Purnima 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा में इन चीजों को करें शामिल, खुल जाएंगे किस्मत के बंद दरवाजे
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