Malmas Amavasya 2023 Date: मलमास अमावस्या तिथि कब? जानिए डेट, शुभ मुहूर्त और इस दिन का महत्व
Malmas Amavasya 2023 हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर स्नान दान पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। अमावस्या तिथि के दिन तर्पण और पिंडदान करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में भी अमावस्या तिथि की विशेषता को विस्तार से बताया गया है। कब है मलमास अमावस्या तिथि शुभ मुहूर्त और महत्व?
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Wed, 09 Aug 2023 02:12 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Malmas Amavasya 2023: सनातन धर्म में मलमास, अधिक मास या पुरुषोत्तम मास का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अधिक मास में पूजा-पाठ, जप-तप और व्रत रखने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बता दें कि इस मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि के दिन स्नान-दान और जप-तप करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं, कब मलमास अमावस्या तिथि व्रत और इसका महत्व?
मलमास अमावस्या 2023 तिथि (Malmas Amavasya 2023 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 15 अगस्त दोपहर 12:42 से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 16 अगस्त दोपहर 03:07 पर होगा। ऐसे में मलमास अमावस्या व्रत 15 अगस्त 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर वरीयान योग का निर्माण होगा, जिसको पूजा-पाठ अथवा मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
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मलमास अमावस्या 2023 महत्व (Malmas Amavasya 2023 Importance)
बता दें कि मलमास, अधिक मास या पुरुषोत्तम मास 3 साल में एक बार आता है। इसी तरह मलमास अमावस्या तिथि भी 3 साल में एक बार पड़ती है। ऐसे में इस विशेष दिन पर पूजा पाठ को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर स्नान-दान करने से साधक को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में कई प्रकार की सुख-सुविधाएं प्राप्त होती है। इसके साथ इस विशेष दिन पर तर्पण इत्यादि कर्म करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है और उनका आशीर्वाद साधक पर बना रहता है।
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