Mangal Dosh Nivaran: मंगल दोष दूर करने के लिए करें इन मंत्रों का जप, मिलेगा मनचाहा वर
ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में बारह भाव होते हैं। इनमें प्रथम चतुर्थ सप्तम अष्टम एवं द्वादश भाव में मंगल रहने पर जातक मांगलिक कहलाता है। कई ज्योतिष मंगल दोष हेतु दूसरे भाव की भी गणना करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो दूसरे भाव में मंगल के रहने पर जातक को मांगलिक माना जाता है। किसी भी जातक के मांगलिक होने पर शादी में बाधा आती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 29 Apr 2024 07:25 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mangal Dosh Nivaran: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होने पर रोजगार और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। वहीं, कमजोर होने पर जातक को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में बारह भाव होते हैं। इनमें प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम एवं द्वादश भाव में मंगल रहने पर जातक मांगलिक कहलाता है। कई ज्योतिष मंगल दोष हेतु दूसरे भाव की भी गणना करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो दूसरे भाव में मंगल के रहने पर जातक को मांगलिक माना जाता है। किसी भी जातक के मांगलिक होने पर शादी में बाधा आती है। साथ ही विवाह उपरांत वैवाहिक जीवन में भी परेशानी आती है। अतः मंगल दोष का निवारण अनिवार्य होता है। वहीं, मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से मंगल दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है। मंगल दोष से पीड़ित जातक मंगलवार के दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जप अवश्य करें।
ऊँ अग्निमूर्धादिव:ककुत्पति: पृथिव्यअयम अपा रेता सिजिन्नवति।
मंगल तांत्रिक मंत्र
ऊँ हां हंस: खं ख:ऊँ हूं श्रीं मंगलाय नम:ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:मंगल एकाक्षरी बीज मंत्रऊँ अं अंगारकाय नम:ऊँ भौं भौमाय नम:।।मंगल ग्रह मंत्र
ऊँ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम । कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम ।।
मंगल गायत्री मंत्र
ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात्।।मंगल चंडिका मंत्रॐ ह्रीं श्रीं कलीम सर्व पुज्ये देवी मंगल चण्डिके ऐं क्रू फट् स्वाहाॐ ह्रीं श्रीं कलीम सर्व पुज्ये देवी मंगल चण्डिके हूँ हूँ फट् स्वाहा