Mangala Gauri Vrat पर करना चाहते हैं पूर्ण फल की प्राप्ति, तो गांठ बांध लें जरूरी बातें
सावन सोमवार की तरह ही सावन के मंगलवार पर भी व्रत करने का विशेष महत्व है। इस दिन मां पार्वती को समर्पित मंगला गौरी व्रत किया जाता है। इस विशेष दिन पर शिव-पार्वती की आराधना करने का विधान है। इससे साधक को जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में मंगलवार 30 जुलाई 2024 को दूसरा मंगला गौरी व्रत किया जाएगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सुहागिन महिलाओं द्वारा मंगला गौरी व्रत मुख्य रूप से किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। वहीं कुंवारी कन्याओं द्वारा भी ये व्रत किया जाता है, क्योंकि इस व्रत को करने से साधक के लिए शीघ्र विवाह के योग भी बनते हैं और योग्य वर की प्राप्ति होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि मंगला गौरी व्रत के दिन क्या करना चाहिए और किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।
जरूर करें ये काम
मंगला गौरी व्रत के दिन देवी पार्वती और माता शिव की विधिपूर्वक पूजा अवश्य करें। पूजा के दौरान माता को लाल फूल, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, हल्दी और शहद आदि अर्पित करें। साथ ही पूजन के दौरान ‘ओम मंगलाय नमः’ मंत्र का जाप करें। अंत में आरती करते हुए कथा का पाठ भी जरूर करना चाहिए। कथा सुनने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
अखंड सौभाग्य का मिलेगा आशीर्वाद
पूजा के अंत में मां पार्वती को गुड़, चने और विभिन्न प्रकार के मिठाई का भोग लगाएं और इसे प्रसाद के रूप में वितरित करें। इस दिन सुहागिन महिलाओं को अन्य सुहागिन स्त्रियों को सुहाग की सामग्री जैसे चूड़ी, बिंदी और सिंदूर आदि का दान जरूर करना चाहिए। इससे साधक को अखंड सौभाग्य के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।यह भी पढ़ें - Mangla Gauri Vrat 2024: मंगला गौरी व्रत पर ऐसे करें अपना जीवन वैवाहिक खुशहाल, प्रसन्न होंगी माता पार्वती
इन कार्यों से बनाएं दूरी
वैसे तो पूरे सावन ही तामसिक भोजन से दूरी बनाने की सहाल दी जाती है। यदि आप व्रत नहीं भी कर रहे हैं, तब भी सावन के मंगलवार पर भी मांस, मछली और अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करना अशुभ माना जाता है।