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Mangla Gauri Vrat 2024: आज रखा जाएगा सावन का पहला मंगला गौरी व्रत, नोट करें पूजा विधि और शुभ योग

हिंदू धर्म में मंगला गौरी व्रत बहुत शुभ माना जाता है। यह सावन के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाता है। इस दिन देवी पार्वती की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि यह व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही विवाह से जुड़ी सभी मुश्किलों से छुटकारा मिलता है तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Tue, 23 Jul 2024 08:00 AM (IST)
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Mangla Gauri Vrat 2024: मंगला गौरी व्रत शुभ योग और पूजन विधि

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मंगला गौरी व्रत बेहद ही कल्याणकारी माना जाता है। यह सावन माह में आता है। इस बार यह 23 जुलाई, 2024 यानी आज से शुरू हो रहा है। यह व्रत मुख्य रूप से सावन महीने में आने वाले प्रत्येक मंगलवार को रखा जाता है। इस शुभ दिन पर महिलाएं सच्ची श्रद्धा और समर्पण के साथ व्रत करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस कठिन उपवास का पालन करने से विवाह से जुड़ी सभी समस्याओं का अंत होता है, तो आइए इस दिन (Mangla Gauri Vrat 2024) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

मंगला गौरी व्रत शुभ योग और पूजन समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के पहले मंगला गौरी व्रत के दिन द्विपुष्कर योग सुबह 05 बजकर 38 मिनट से लेकर 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अमृत काल सुबह 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

फिर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप किसी भी प्रकार का शुभ कार्य व पूजा कर सकते हैं।

पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। अपने मंदिर को अच्छी तरह साफ करें। महिलाएं लाल रंग के वस्त्र धारण करें। एक वेदी पर मां गौरी की प्रतिमा स्थापित करें। मां गौरी का ध्यान करें और उनका अभिषेक करें। देवी को आभूषणों और वस्त्रों से सजाएं। फिर सोलह शृंगार की सामग्री अर्पित करें। कुमकुम का तिलक लगाएं। घी का दीपक जलाएं। वैदिक मंत्रों का जाप करें। देवी को प्रसन्न करने के लिए मंगला गौरी कथा का पाठ करें या सुनें। खीर का भोग लगाएं और आरती से पूजा को पूर्ण करें।

पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे और बड़ों का आशीर्वाद लें। अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। फिर सात्विक भोजन करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।