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Mantra Jaap: क्या आप जानते हैं कितने प्रकार के होते हैं मंत्र? हर किसी का होता है अपना महत्व

हिंदू धर्म में मंत्र उच्चारण को बहुत ही खास माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ ही मंत्र उच्चारण से व्यक्ति को शारीरिक लाभ भी पहुंचता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शास्त्रों में तीन प्रकार के मंत्रों के बारे में बताया गया है जिसका अपना-अपना महत्व माना जाता है। चलिए जानते हैं इस विषय में।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 08 Aug 2024 04:44 PM (IST)
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Mantra Jaap कितने प्रकार के होते हैं मंत्र।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पूजा-पाठ या धार्मिक कार्य के दौरान मंत्रों के जाप से उस कार्य की पवित्रता और भी बढ़ जाती है। साथ ही उस कार्य में देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। वहीं कुछ मंत्र मानसिक शांति के लिए बहुत लाभदायक माने गए हैं। मंत्रों के 3 प्रकार बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं - सात्विक या वैदिक, तांत्रिक और साबर। इन तीनों प्रकार के मंत्रों का अपना-अपना महत्व है।  

सात्विक मंत्र -

जिन मंत्रों का प्रतिदिन जपने वाले मंत्रों को सात्विक मंत्र कहा जाता है। माना जाता है कि वैदिक मंत्रों को सिद्ध करने में जहां कड़ी मेहनत और ध्यान की आवश्यकता होती है। लेकिन यदि एक बार यह मंत्र सिद्ध हो जाते हैं, तो इसका प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है। यानी साधक को लंबे समय तक जीवन में इसके लाभ देखने के मिलते हैं। इन मंत्रों के जाप से पहले व्यक्ति को अपनी स्वच्छता और पवित्रता का पूरा ध्यान रखना चाहिए। उदाहरण के तौर पर ये कुछ सात्विक मंत्र हैं -

  • श्री राम, जय राम, जय जय राम
  • ऊँ नमः शिवाय
  •  ऊँ हं हनुमते नमः
  • गायत्री मंत्र - ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

तांत्रिक मंत्र -

माना गया है कि तांत्रिक मंत्र, वैदिक मंत्र की अपेक्षा जल्दी सिद्ध होते हैं। यदि साधक को इन मंत्रों के जाप से जल्दी फल मिलता है। लेकिन साथ ही यह भी माना जाता है कि तांत्रिक मंत्र जितनी जल्दी सिद्ध होते हैं, उनका प्रभाव भी उतनी जल्दी ही समाप्त हो जाता है। इन मंत्रों का प्रभाव वैदिक मंत्रों की अपेक्षा कम समय के लिए होता है। इन मंत्रों का उच्चारण तांत्रिक क्रियाओं को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है।

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साबर मंत्र -

मंत्रों का तीसरा प्रकार शाबर मंत्र है। माना जाता है कि साबर मंत्र वैदिक और तांत्रिक मंत्र की अपेक्षा जल्द सिद्ध होते हैं। साथ ही यह मंत्र सरल भी होते हैं। इन मंत्रों के जाप से साधक को जल्द ही प्रभाव दिखने लगते हैं। लेकिन इनका प्रभाव भी उतनी ही जल्दी समाप्त होता है। लेकिन साबर मंत्र पढ़ने के कुछ नियम होते हैं, जिन्हें जानने के बाद ही इनका जाप करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि साबर मंत्र अपने आप में सिद्ध होते हैं और इन्हें बोलते ही इनसे संबंधित देवी-देवता जाग्रत हो जाते हैं। 

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।