Mantra Jaap: मंत्रोच्चाण के दौरान ध्यान रखें ये बातें, नहीं तो फायदे की जगह हो जाएगा नुकसान
हिंदू शास्त्रो में मंत्र जाप का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति नियम के अनुसार और सही ढंग से मंत्रों का जाप करता है तो उसे जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। मंत्र जाप न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है बल्कि शारीरिक दृष्टि से भी मंत्र जाप करने के कई लाभ देखने को मिलते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mantra Jaap Niyam: धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी मंत्रों का जाप करना बेहतर माना जाता है। लेकिन यह लाभ तभी मिल सकता हैं, जब मंत्र जाप के सही नियमों का पालन किया जाए। तो चलिए जानते हैं कि मंत्रों का जाप करते समय किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
इन बातों का रखें ख्याल
मंत्रोच्चारण के लिए हमेशा किसी शांत जगह का चुनाव करना चाहिए। जब भी आप मंत्रों का जाप करें, तो इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि मंत्रों का उच्चारण एकदम सही होना चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है कि मंत्रों का गलत उच्चारण करने से व्यक्ति को इसके लाभ के बजाय हानि झेलनी पड़ सकती है।
कितनी बार करना चाहिए जाप
कई मंत्रों का जाप 7, 9, 108 या फिर 1008 बार करना बेहतर माना जाता है। ऐसे में रोजाना इसी क्रम में मंत्रों का जाप करना चाहिए, जब तक आपको इसके सकारात्मक परिणाम न देखने को मिले। इस बात का भी ध्यान रखें कि मंत्रोच्चारण के दौरान आपका ध्यान केवल मंत्रों की ओर होना चाहिए, न कि अन्य किसी चीज में। तभी इसका लाभ देखने को मिल सकता है।यह भी पढ़ें - Dream Astrology: सपने में इन देवी-देवता के हुए हैं दर्शन, तो जानिए क्या हो सकता है इसका मतलब
आसन का भी रखें ध्यान
मंत्रों का जाप करते समय सुखासन में बैठना चाहिए। आप चाहें तो पद्मासन भी लगा सकते हैं। यदि आप आखों को बंद करके मंत्रों का जाप करते हैं, तो इससे आपको एकाग्रचित होने में सहायता मिलती है। कई लोग तेजी से मंत्रों का उच्चारण करते हैं। लेकिन धीरे-धीरे मंत्रों का उच्चारण करना ज्यादा बेहतर माना गया है। मंत्रोच्चारण के दौरान आपकी आवाज बस इतनी तेज होनी चाहिए कि आपको मंत्र सुनाई दें।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।