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Margashirsha Amavasya 2023: मार्गशीर्ष अमावस्या पर दुर्लभ धृति योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा अक्षय फल

Margashirsha Amavasya 2023 सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा जप-तप और दान करने का विधान है। साथ ही पवित्र नदी में स्नान-ध्यान किया जाता है। इसके अलावा पितरों की भी पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या तिथि पर पूजा जप-तप और दान करने से व्यक्ति को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 01 Dec 2023 08:00 AM (IST)
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Margashirsha Amavasya 2023: मार्गशीर्ष अमावस्या पर दुर्लभ धृति योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा कई गुना फल

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Amavasya 2023: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या पड़ती है। इस प्रकार, मार्गशीर्ष माह में 12 दिसंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या है। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा, जप-तप और दान करने का विधान है। साथ ही पवित्र नदी में स्नान-ध्यान किया जाता है। इसके अलावा, पितरों की भी पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या तिथि पर पूजा, जप-तप और दान करने से व्यक्ति को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि पर दुर्लभ धृति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होगा। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 12 दिसंबर को प्रातः काल 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी दिन 13 दिसंबर को 05 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी।

आयुष्मान योग

मार्गशीर्ष अमावस्या पर धृति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 06 बजकर 52 मिनट तक है। इस योग में स्नान-ध्यान पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होगा।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 04 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 17 बजकर 25 मिनट पर

चंद्रास्त- संध्याकाल 04 बजकर 41 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - 05 बजकर 15 मिनट से 06 बजकर 09 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 50 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 02 बजकर 50 मिनट से 04 बजकर 08 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से 01 बजकर 32 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

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डिसक्लेमर:'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'