Move to Jagran APP

Margashirsha Month 2023: इस दिन से शुरू हो रहा है श्री कृष्ण का प्रिय महीना, जानिए मार्गशीर्ष मास का महत्व

Aghan month 2023 हर माह किसी-न-किसी देवी-देवता की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना जाता है। इसी प्रकार कार्तिक माह के बाद शुरू होने वाला मार्गशीर्ष माह भगवान श्री कृष्ण का प्रिय माह माना गया है। इस माह में भगवान श्री कृष्ण के साथ-साथ सूर्य देव तुलसी और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 24 Nov 2023 11:05 AM (IST)
Hero Image
Margashirsha Month 2023 कब से शुरू हो रहा है श्री कृष्ण का प्रिय महीना मार्गशीर्ष।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Month 2023 Date: सनातन धर्म में मार्गशीर्ष माह विशेष महत्व रखता है। इसे अगहन माह भी कहा जाता है। यह माह मुख्यतः भगवान श्री कृष्ण का प्रिय माह माना गया है। ऐसे में आइए जानते कि मार्गशीर्ष का महीना कब से शुरू हो रहा है। साथ ही जानते हैं इस माह से जुड़े कुछ नियम।

इस दिन हो से हो रही है शुरुआत

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के बाद मार्गशीर्ष का महीना शुरू हो जाता है। ऐसे में मार्गशीर्ष माह की शुरुआत 28 नवंबर 2023, मंगलवार के दिन से हो रही है। साथ ही इसका समापन 26 दिसंबर 2023, मंगलवार के दिन ही होगा।

यह भी पढ़ें - Bhagavad Gita: कदम-कदम पर देखना पड़ रहा है हार का मुंह, तो इन आदतों को छोड़ने की है जरूरत

मार्गशीर्ष मास का महत्व

मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में होता है। यही कारण है कि इस माह को मार्गशीर्ष कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष के पावन माह में प्रभु श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ। भगवद गीता में कहा गया है कि इस माह पर भगवान श्री कृष्ण का विशेष प्रभाव रहता है। ऐसे में जो साधक इस माह में श्री कृष्ण जी की पूजा करता है वह जीवन में समस्त सुखों को भोगकर अंत में मृत्यु के मोक्ष को प्राप्त करता है।

WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें

करें ये काम

मार्गशीर्ष माह में श्रद्धालु तीर्थ स्थलों पर जाकर स्नान करते हैं। साथ ही इस माह में शंख पूजन का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष या अगहन माह में कपूर जलाकर तुलसी की परिक्रमा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस विशेष माह में भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विधान है।

यह भी पढ़ें - Laxmi Puja: आज के दिन करें मां लक्ष्मी की इस शक्तिशाली स्तुति का पाठ, होगा लाभ ही लाभ

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'