हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष मास का अपना एक खास स्थान है। यह महीना भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस मौके पर जो किसी भी समस्या से लंबे समय से परेशान हैं उन्हें इस दौरान पूजा-पाठ और दान-पुण्य करना चाहिए। इसके साथ ही इस दौरान (Margashirsha Month 2024) कान्हा जी की पूजा पर जोर देना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मार्गशीर्ष मास को बेहद ही विशेष माना गया है। यह हिंदू कैलेंडर का नौवां महीना है। ऐसा कहा जाता है कि मार्गशीर्ष से बड़ा कोई महीना नहीं होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पूरे मास में भगवान कृष्ण और माता लक्ष्मी की पूजा होती है। यह भी माना जाता है कि इस दौरान पितरों को तर्पण करने से उन्हें मुक्ति प्राप्त होती है। साथ ही पितृ दोष से खत्म हो जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month 2024) की शुरुआत 16 नवंबर से हुई है। वहीं, इस पूरे महीने कृष्ण जी की पूजा के साथ देवी तुलसी की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए और उनके 108 नामों का जाप करना चाहिए।
इसके अलावा रोजाना उन्हें जल चढ़ाना और उनके सामने दीपक भी जलाना चाहिए। इससे घर में समृद्धि आती है और बंद भाग्य भी साथ देने लगता है, तो आइए तुलसी मां के नामों का जाप करते हैं, जो यहां पर दिए गए हैं।
।।मां तुलसी के 108 नाम।।
1.ॐ श्री तुलस्यै नमः।
2.ॐ नन्दिन्यै नमः।
3.ॐ देव्यै नमः।4.ॐ शिखिन्यै नमः।5.ॐ धारिण्यै नमः।6.ॐ धात्र्यै नमः।7.ॐ सावित्र्यै नमः।8.ॐ सत्यसन्धायै नमः।9.ॐ कालहारिण्यै नमः।10.ॐ गौर्यै नमः।11.ॐ देवगीतायै नमः।12.ॐ द्रवीयस्यै नमः।13.ॐ पद्मिन्यै नमः।14.ॐ सीतायै नमः।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज मार्गशीर्ष माह का पहला मंगलवार है, ऐसे में आज का शुभ मुहूर्त जान लेते हैं, जिससे पूजा-पाठ आदि कर सकें। चन्द्रोदय रात 08 बजकर 38 मिनट पर होगा।
15.ॐ रुक्मिण्यै नमः।
16.ॐ प्रियभूषणायै नमः।17.ॐ श्रेयस्यै नमः।18.ॐ श्रीमत्यै19.ॐ मान्यायै नमः।20.ॐ गौर्यै नमः।21.ॐ गौतमार्चितायै नमः।22.ॐ त्रेतायै नमः।23.ॐ त्रिपथगायै नमः।24.ॐ त्रिपादायै नमः।25.ॐ त्रैमूर्त्यै नमः।26.ॐ जगत्रयायै नमः।27.ॐ त्रासिन्यै नमः।28.ॐ गात्रायै नमः।29.ॐ गात्रियायै नमः।30.ॐ गर्भवारिण्यै नमः।
31.ॐ शोभनायै नमः।32.ॐ समायै नमः।33.ॐ द्विरदायै नमः।34.ॐ आराद्यै नमः।
वैदिक पंचांग के आधार पर विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। वहीं, निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।
35.ॐ यज्ञविद्यायै नमः।
36.ॐ महाविद्यायै नमः।37.ॐ गुह्यविद्यायै नमः।38.ॐ कामाक्ष्यै नमः।39.ॐ कुलायै नमः।40.ॐ श्रीयै नमः।41.ॐ भूम्यै नमः।42.ॐ भवित्र्यै नमः।43.ॐ सावित्र्यै नमः।44.ॐ सरवेदविदाम्वरायै नमः।45.ॐ शंखिन्यै नमः।46.ॐ चक्रिण्यै नमः।47.ॐ चारिण्यै नमः।48.ॐ चपलेक्षणायै नमः।49.ॐ पीताम्बरायै नमः।50.ॐ प्रोत सोमायै नमः।
51.ॐ सौरसायै नमः।52.ॐ अक्षिण्यै नमः।53.ॐ अम्बायै नमः।54.ॐ सरस्वत्यै नमः।55.ॐ सम्श्रयायै नमः।56.ॐ सर्व देवत्यै नमः।57.ॐ विश्वाश्रयायै नमः।58.ॐ सुगन्धिन्यै नमः।59.ॐ सुवासनायै नमः।60.ॐ वरदायै नमः।61.ॐ सुश्रोण्यै नमः।62.ॐ चन्द्रभागायै नमः।63.ॐ यमुनाप्रियायै नमः।64.ॐ कावेर्यै नमः।65.ॐ मणिकर्णिकायै नमः।
66.ॐ अर्चिन्यै नमः।67.ॐ स्थायिन्यै नमः।68.ॐ दानप्रदायै नमः।69.ॐ धनवत्यै नमः।70.ॐ सोच्यमानसायै नमः।71.ॐ शुचिन्यै नमः।72.ॐ श्रेयस्यै नमः।73.ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः।74.ॐ विभूत्यै नमः।75.ॐ आकृत्यै नमः।76.ॐ आविर्भूत्यै नमः।77.ॐ प्रभाविन्यै नमः।78.ॐ गन्धिन्यै नमः।79.ॐ स्वर्गिन्यै नमः।80.ॐ गदायै नमः।
यह भी पढ़ें: Tulsi Manjari Ke Upay: तुलसी की मंजरी के इन उपायों से धन की परेशानी होगी दूर, बनेंगे सारे बिगड़े काम81.ॐ वेद्यायै नमः।82.ॐ प्रभायै नमः।83.ॐ सारस्यै नमः।
84.ॐ सरसिवासायै नमः।85.ॐ सरस्वत्यै नमः।86.ॐ शरावत्यै नमः।87.ॐ रसिन्यै नमः।88.ॐ काळिन्यै नमः।89.ॐ श्रेयोवत्यै नमः।90.ॐ यामायै नमः।91.ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः।92.ॐ श्यामसुन्दरायै नमः।93.ॐ रत्नरूपिण्यै नमः।94.ॐ शमनिधिन्यै नमः।95.ॐ शतानन्दायै नमः।96.ॐ शतद्युतये नमः।97.ॐ शितिकण्ठायै नमः।98.ॐ प्रयायै नमः।
99.ॐ धात्र्यै नमः।100.ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः।101.ॐ कृष्णायै नमः।102.ॐ भक्तवत्सलायै नमः।103.ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः।104.ॐ हरायै नमः।105.ॐ अमृतरूपिण्यै नमः।106.ॐ भूम्यै नमः।107.ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः।108.ॐ श्री तुलस्यै नमः।
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