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Margashirsha Pradosh Vrat 2024: मार्गशीर्ष माह में कब-कब है प्रदोष व्रत, इस शुभ मुहूर्त में करें महादेव की पूजा

सनातन धर्म में त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी मनोकामना पूरी होती है। इस दिन महादेव की पूजा-अर्चना संध्याकाल में करने का विधान है। आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष माह में कब-कब किया जाएगा प्रदोष व्रत?

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 19 Nov 2024 05:42 PM (IST)
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Pradosh Vrat 2024: महीने में 2 बार किया जाता है प्रदोष व्रत
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना करने से जातक को जीवन में सभी प्रकार के दुख एवं संकट से मुक्ति मिलती है। साथ ही व्रत करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है। आइए, मार्गशीर्ष (Margashirsha Pradosh Vrat 2024) माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

कब खत्म होगा मार्गशीर्ष माह?

पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के बाद मार्गशीर्ष का महीना शुरू हो जाता है। ऐसे में इस बार मार्गशीर्ष माह की शुरुआत 16 नवंबर से हो गई है। साथ ही इसका समापन अगले महीने यानी 15 दिसंबर को होगा।

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। इसके अगले दिन यानी 29 नवंबर को सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 28 नवंबर को मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम को 05 बजकर 24 मिनट से लेकर 08 बजकर 06 मिनट तक है। गुरुवार के दिन पड़ने के चलते यह गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा।

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मार्गशीर्ष माह का दूसरा प्रदोष व्रत दिसंबर में किया जाएगा। पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 12 दिसंबर को रात 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। इसके अगले दिन यानी 13 दिसंबर को रात 07 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 12 दिसंबर को प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम को 05 बजकर 26 मिनट से लेकर 07 बजकर 40 मिनट तक है।

प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जप जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि मंत्रों का जप करने से जातक को महादेव की कृपा प्राप्त होती है।

प्रदोष व्रत के मंत्र (Pradosh Vrat Mantra)

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव स्तुति मंत्र

द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।

उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

श‍िव नामावली मंत्र

।। श्री शिवाय नम:।।

।। श्री शंकराय नम:।।

।। श्री महेश्वराय नम:।।

।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।

।। श्री रुद्राय नम:।।

।। ओम पार्वतीपतये नम:।।

।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।