Margashirsha Purnima 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर बन रहा है 'भद्रावास' योग का निर्माण, हर समस्या का होगा समाधान
ज्योतिषियों की मानें तो वर्षों बाद मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भद्रावास योग बना है। भद्रावास योग बेहद शुभ होता है। इस योग में पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीव-जंतु एवं मानव समूह का कल्याण होता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भद्रावास योग संध्याकाल 05 बजकर 51 मिनट तक है। इस समय तक गोधूलि बेला भी है। इस समय में शुभ कार्य कर सकते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 25 Dec 2023 08:26 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Purnima 2023: हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है। इस प्रकार 26 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही पूजा के पश्चात दान-पुण्य किया जाता है। शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान का उल्लेख है। इस दिन गंगा स्नान करने से अनजाने में किए हुए पाप कट जाते हैं। साथ ही मानसिक और शारीरिक कष्ट से भी मुक्ति मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो वर्षों बाद मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करना बेहद लाभकारी होता है। आइए, शुभ मुहूर्त एवं शुभ योग जानते हैं-
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तिथि
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा 27 दिसम्बर को 06 बजकर 02 मिनट तक है। वहीं, भद्रावास योग संध्याकाल गोधूलि बेला तक है। इस शुभ अवसर पर गोधूलि बेला से बव करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शुभ कार्यों हेतु बव करण को शुभ मानते हैं।
भद्रावास योग
ज्योतिषियों की मानें तो वर्षों बाद मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भद्रावास योग बना है। भद्रावास योग बेहद शुभ होता है। इस योग में पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीव-जंतु एवं मानव समूह का कल्याण होता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भद्रावास योग संध्याकाल 05 बजकर 51 मिनट तक है। इस समय तक गोधूलि बेला भी है। इस समय में शुभ कार्य कर सकते हैं। साथ ही गोधूलि बेला में भगवान विष्णु की संध्या आरती करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 12 मिनट परसूर्यास्त - शाम 05 बजकर 31 मिनट परचन्द्रोदय- शाम 04 बजकर 45 मिनट पर