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Margashirsha Purnima 2023 Bhog: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को लगाएं इन चीजों का भोग, पूजा होगी सफल

पूर्णिमा के दिन पूजा व्रत और दान करना शुभ होता है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर को है। पूर्णिमा के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस दिन गंगा स्नान-दान करने का विधान है।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 25 Dec 2023 05:04 PM (IST)
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Margashirsha Purnima 2023 Bhog: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को लगाएं इन चीजों का भोग, पूजा होगी सफल

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Purnima 2023: सनातन धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का बेहद खास महत्व है। पूर्णिमा के दिन पूजा, व्रत और दान करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर को है। पूर्णिमा के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस दिन गंगा स्नान-दान करने का विधान है। मान्यता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पूजा के दौरान भगवान विष्णु को विशेष चीजों का भोग लगाना चाहिए, जिससे श्रीहरी प्रसन्न होते हैं और सदैव उनकी कृपा बनी रहती है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के भोग

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना चाहिए। भोग में तुलसी दल को शामिल करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और सदैव उनका आशीर्वाद बना रहता है।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को पानी वाले नारियल का भोग लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि नारियल का भोग लगाने से जीवन के संकटों से छुटकारा मिलता है।

इसके अलावा फल और मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इससे साधक को सुख-शांति मिलती है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि

  • पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें।
  • मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।
  • चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित करें।
  • अब दीपक जलाएं और फूल, सिंदूर, फल, रोली, मेवा और पंचामृत अर्पित करें।
  • इस दौरान भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ें ।
  • इसके बाद आरती करें और भोग लगाएं।
  • अंत में प्रसाद का वितरण करें।

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Author- Kaushik Sharma

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