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Margashirsha Purnima 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन इन चीजों का करें दान, धन में होगी बढ़ोतरी

शास्त्रों में बताया गया है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर कुछ विशेष चीजों का दान करने से साधक को जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और धन में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। पूर्णिमा के दिन पूजा और व्रत किया जाता है। इस साल की अंतिम पूर्णिमा 26 दिसंबर को है।

By Jagran NewsEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 15 Dec 2023 05:52 PM (IST)
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Margashirsha Purnima 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन इन चीजों का करें दान

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Purnima 2023: सनातन धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। पूर्णिमा के दिन लोग पूजा-अर्चना और व्रत करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और घर में खुशियों का आगमन होता है। इस साल की अंतिम पूर्णिमा 26 दिसंबर को है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दान करने का विशेष महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर कुछ विशेष चीजों का दान करने से साधक को जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और धन में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। आइए बताते हैं कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन इन चीजों का करें दान

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दान करने का खास महत्व है। इस दिन संध्याकाल में दीपदान करें।
  • इसके अलावा गरीब लोगों को भोजन कराएं।
  • पूर्णिमा के दिन गौ दान करना बेहद फलदायी होता है।
  • इस दिन गेहूं का दान करना शुभ माना गया है।
  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर कन्याओं को खीर खिलाएं।
  • गरीब लोगों को गर्म कपड़े और कंबल का दान करें

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 26 दिसंबर को प्रातः काल 05 बजकर 46 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानि 27 दिसंबर को प्रातः काल 06 बजकर 02 मिनट पर पर तिथि का समापन होगा।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि 

  • इस दिन सुबह उठकर नहाने के बाद भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी को प्रणाम करें और व्रत का संकल्प लें।
  • अब भगवान विष्णु जी और मां लक्ष्मी को गंध, फूल, वस्त्र अर्पित करें।
  • इसके बाद पूजा की जगह पर वेदी बनाकर हवन के लिए अग्नि जलाएं।
  • अब हवन में घी, तेल और बूरा आदि की आहुति दें।
  • पूजा-अर्चना के दौरान विष्णु चालीसा का पाठ करें।
  • फिर अंत में जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी का आरती करें और गरीबों को भोजन कराएं।

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Author- Kaushik Sharma

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'