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Margashirsha Purnima 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा में इन चीजों को करें शामिल, खुल जाएंगे किस्मत के बंद दरवाजे

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर विधिपूर्वक पूजा व्रत करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023 को है। मान्यता है कि इस दिन पूर्णिमा पूजा में विशेष चीजों को शामिल करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-शांति का आगमन होता है।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 24 Dec 2023 09:48 AM (IST)
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Margashirsha Purnima 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा में इन चीजों को करें शामिल, खुल जाएंगे किस्मत के बंद दरवाजे
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Purnima 2023: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का अहम महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा, व्रत करने का विधान है। इस पूर्णिमा को मोक्षदायिनी पूर्णिमा, अगहन पूर्णिमा और बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर विधिपूर्वक पूजा, व्रत करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023 को है। मान्यता है कि इस दिन पूर्णिमा पूजा में विशेष चीजों को शामिल करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-शांति का आगमन होता है। आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा में किन चीजों को शामिल करना बेहद फलदायी होता है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2023 डेट और शुभ मुहूर्त

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का पर्व 26 दिसंबर को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 26 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 46 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानि 27 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर तिथि का समापन होगा।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा सामग्री

चौकी

चावल

सिंदूर

दीपक

घी

पंचामृत

रोली

धुप

मिठाई

गंगाजल

फल

फूलमाला

लाल कपडा

भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की प्रतिमा

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि

इस दिन सबसे पहले उठकर सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।

अब मंदिर की सफाई करें और भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दें।

इसके बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु को रोली, फूल, चंदन अर्पित करें।

साथ ही माता लक्ष्मी को फूलमाला समेत श्रृंगार की चीजें अर्पित करें। इस दौरान विष्णु चालीसा का पाठ करें या सुने।

अब आरती करें और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को विशेष चीजों का भोग लगाएं।

अंत में प्रसाद का वितरण करें।

इस कार्य से होगा लाभ

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर पूजा के दौरान सत्यनारायण भगवान की कथा पढ़ना बेहद शुभ माना गया है। ऐसे में आप इस अवसर पर अवश्य सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करें। माना जाता है कि इस कथा का पाठ करने से घर में खुशियों का आगमन होता है।

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Author- Kaushik Sharma

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'