Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Masik Durgashtami 2023: मासिक दुर्गाष्टमी पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 3 संयोग, हर समस्या का होगा समाधान

Masik Durgashtami 2023 मासिक दुर्गाष्टमी पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण रात 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो रहा है जो अगले दिन 21 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 09 मिनट तक है। इस दिन बव करण का निर्माण सुबह 11 बजकर 14 मिनट तक है। इसके बाद बालव करण का निर्माण हो रहा है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 19 Dec 2023 12:29 PM (IST)
Hero Image
Masik Durgashtami 2023: मासिक दुर्गाष्टमी पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 3 संयोग, हर समस्या का होगा समाधान

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Durgashtami 2023: मार्गशीर्ष महीने की दुर्गाष्टमी 20 दिसंबर को है। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु व्रत-उपवास रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से घर में सुख और समृद्धि आती है। ज्योतिषियों की मानें तो मासिक दुर्गा अष्टमी पर रवि योग समेत ये तीन अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति है। आइए, शुभ मुहूर्त और शुभ योग जानते हैं।

यह भी पढ़ें: साल 2024 में कब-कब लगेंगे ग्रहण? यहां नोट करें तारीख और सूतक का समय

शुभ मुहूर्त

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 19 दिसंबर को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट से शुरू होगी और 20 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी।

रवि योग

मासिक दुर्गाष्टमी पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण रात 10 बजकर 58 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 21 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 09 मिनट तक है। इस दिन बव करण का निर्माण सुबह 11 बजकर 14 मिनट तक है। इसके बाद बालव करण का निर्माण हो रहा है। बालव करण का निर्माण रात 10 बजकर 23 मिनट तक है। इसके पश्चात, कौलव करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष तीनों करण को शुभ मानते हैं। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 09 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 28 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 24 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से 02 बजकर 43 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 53 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से 01 बजकर 36 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 11 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 19 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

यह भी पढ़ें:  साल 2024 में 61 दिन बजेगी शहनाई, नोट करें विवाह मुहूर्त, तिथि एवं नक्षत्र संयोग

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।