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Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गा अष्टमी पर वृद्धि समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, चमक उठेगा सोया भाग्य

जगत की देवी मां दुर्गा (Masik Durgashtami 2024) की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। मां दुर्गा के शरणागत रहने वाले साधकों को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही अंत समय में भव सागर से बेड़ा पार होता है। इस दिन मंदिरों में जगत की देवी मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 03 Nov 2024 07:23 PM (IST)
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Masik Durgashtami 2024: मां दुर्गा को कैसे प्रसन्न करें?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 09 नवंबर को कार्तिक महीने की दुर्गा अष्टमी है। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत जननी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर साधक भक्ति भाव से जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो दुर्गा अष्टमी पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए दुर्गा अष्टमी पर भक्ति भाव से जगत जननी की पूजा करें। आइए, इन योग के बारे में जानते हैं-

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मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 08 नवंबर को देर रात 11 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी और 09 नवंबर को देर रात 10 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 09 नवंबर को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।

वृद्धि योग

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 10 नवंबर को प्रातः काल 04 बजकर 23 मिनट पर हो रहा है। इस समय में मां दुर्गा की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। इसके साथ ही साधक पर मां दुर्गा की कृपा बरसेगी। ज्योतिष वृद्धि को बेहद शुभ मानते हैं।

सर्वार्थ सिद्धि योग

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है। वहीं, समापन सुबह 11 बजकर 47 मिनट पर हो रहा है। इस योग में मां दुर्गा की पूजा करने से शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होगी।

शिववास

मासिक दुर्गा अष्टमी पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण देर रात 10 बजकर 46 मिनट से हो रहा है। मां दुर्गा की पूजा निशा काल में की जाती है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ रहेंगे। शिववास योग में शिव शक्ति की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के कार्यों में सफलता मिलेगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 30 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 17 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 19 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 54 मिनट से 05 बजकर 47 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 37 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 57 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।