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Masik Durgashtami 2024: कब मनाई जाएगी फाल्गुन माह की मासिक दुर्गाष्टमी? जानिए डेट और पूजा नियम

मासिक दुर्गाष्टमी का दिन हिंदू धर्म में बेहद कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन लोग मां के लिए कठिन व्रत का पालन करते हैं और भाव के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। यह व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस माह यह व्रत 17 मार्च को रखा जाएगा। तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 16 Mar 2024 02:58 PM (IST)
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Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी पर इस विधि से करें पूजा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी देवी दुर्गा के भक्तों के लिए बहुत ही खास दिन है। इस दिन साधक मां के लिए कठिन व्रत का पालन करते हैं और भाव के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। यह व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस माह यह व्रत 17 मार्च, 2024 को रखा जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनके लिए यह व्रत रखते हैं, उन्हें शांति, शक्ति, समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों (Durgashtami Puja Niyam) को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं -

मां दुर्गा का पूजन मंत्र

1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

2. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

3. या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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मासिक दुर्गाष्टमी पर इस विधि से करें पूजा 

  • इस दिन साधक सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • इसके बाद घर और मंदिर की अच्छी तरह सफाई करें।
  • एक वेदी पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं।
  • मां का पंचामृत से अभिषेक करें।
  • मां को कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • भगवती को गुड़हल का फूल अवश्य अर्पित करें, क्योंकि यह उनको अति प्रिय है।
  • मां दुर्गा को मिठाई और फल का भोग लगाएं।
  • दुर्गा सप्तशती के साथ दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
  • मां के 108 नामों से हवन करें।
  • अंत में मां जगदंबा की आरती करें।
  • प्रसाद का वितरण घर के सदस्यों और अन्य लोगों में करें।
  • व्रती अगले दिन सुबह सात्विक भोजन से या फिर प्रसाद से अपना व्रत खोलें।
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