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Masik Durgashtami 2024: साल की पहली मासिक दुर्गाष्टमी आज, इन कार्यों से मिलेगा लाभ

Masik Durgashtami 2024 Date हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी मुख्य रूप से मां दुर्गा को समर्पित मानी गई है। ऐसे में इस विशेष दिन पर देवी दुर्गा की उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता दुर्गा अपने भक्तों को सुरक्षा प्रदान करती हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 18 Jan 2024 07:00 AM (IST)
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Masik Durgashtami 2024 साल की पहली मासिक दुर्गाष्टमी पर करें ये काम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Durgashtami Vrat 2024: हिंदू धर्म में हर महीने मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। प्रत्येक मास में दो बार अष्टमी आती है, जिसमें से शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मासिक दुर्गाष्टमी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत आदि करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन किन कार्यों को करने से आपको लाभ प्राप्त हो सकता है।

मासिक दुर्गाष्टमी तिथि (Masik Durgashtami Tithi)

पौष माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 17 जनवरी 2024 को रात्रि 10 बजकर 06 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इसका समापन 18 जनवरी के दिन रात्रि 09 बजकर 44 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 18 जनवरी, गुरुवार के दिन किया जाएगा।

पूरी होंगी मनोकामनाएं

मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा के दौरान देवी मां को सोलह श्रृंगार की साम्रगी अर्पित करनी चाहिए। इसके साथ ही माता रानी को लाल चुनरी, लाल रंग का पुष्प जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से आपका वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है। साथ ही इस दिन मां दुर्गा को फूल और लौंग से बनी माला अर्पित करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

करें इस मंत्र का जाप

मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा के दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में मासिक दुर्गाष्टमी के दिन इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए -

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

बनी रहेगी माता रानी की कृपा

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन छोटी-छोटी 8 या 9 कन्याओं को अपने घर बुलाकर भोजन करवाएं और कुछ-न-कुछ उपहार के रूप में जरूर अर्पित करें। यदि ऐसा संभव न हो तो कन्याओं को उनके घर जाकर भी भोजन दे सकते हैं। ऐसा करवे से माता रानी की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'