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Kalashtami 2024: कालाष्टमी पर इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान शिव का अभिषेक, चमक उठेगा सोया भाग्य

Kalashtami 2024 धार्मिक मान्यता है कि कालाष्टमी तिथि पर भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो कालाष्टमी पर बालव करण समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 02 Jan 2024 05:10 PM (IST)
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Kalashtami 2024: कालाष्टमी पर इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान शिव का अभिषेक, चमक उठेगा सोया भाग्य

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kalashtami 2024: हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी मनाई जाती है। पौषमहीने में कालाष्टमी 04 जनवरी को है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि कालाष्टमी तिथि पर भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो बालव करण समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो कालाष्टमी पर इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का अभिषेक करें। आइए जानते हैं-

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शुभ योग

ज्योतिषियों की मानें तो कालाष्टमी तिथि पर बालव, कौलव और तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। बालव करण का योग सुबह 08 बजकर 59 मिनट तक है। इसके बाद कौलव करण का योग 10 बजकर 04 मिनट तक है। अंत में तैतिल योग है। इस दिन भगवान शिव देर रात 10 बजकर 04 मिनट तक जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती के साथ रहेंगे। कालाष्टमी पर भगवान शिव की पूजा निशा काल में होती है। अतः कौलव करण में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को विशेष फल प्राप्त होगा।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट पर

चन्द्रोदय- देर रात 01 बजकर 02 मिनट पर

चंद्रास्त- दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 02 बजकर 51 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 01 बज 44 मिनट से 03 बजकर 02 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 50 मिनट से 11 बजकर 08 मिनट तक

दिशा शूल - दक्षिण

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।