Move to Jagran APP

Masik Karthigai 2024: इस दिन मनाया जाएगा मासिक कार्तिगाई पर्व, जानें इसका धार्मिक महत्व और पूजा विधि

Masik Karthigai 2024 मासिक कार्तिगाई आंध्र प्रदेश में प्राचीन तमिल लोगों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन भक्त गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं। साथ ही विधिपूर्वक कार्तिकेय देव (Lord Kartikeya) की पूजा-अर्चना करते हैं। यह पर्व भगवान कार्तिकेय के नाम पर ही रखा गया है। तो चलिए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं -

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Fri, 19 Jan 2024 09:25 AM (IST)
Hero Image
Masik Karthigai 2024: मासिक कार्तिगाई पर्व 2024
धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Masik Karthigai 2024: सनातन धर्म में मासिक कार्तिगाई पर्व को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। यह पर्व ज्यादातर आंध्र प्रदेश में मनाया जाता है। इस पर्व को लोग दीपम के नाम से भी जानते है। यह दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

इस दिन जातक मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने परिवार की समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। इस माह यह पर्व 20 जनवरी को मनाया जाएगा।

यह भी पढ़ें: Kuber Aarti: शुक्रवार के दिन कुबेर देव की पूजा से मिलती है आर्थिक समृद्धि, यहां पढ़ें आरती

मासिक कार्तिगाई 2024 का धार्मिक महत्व

तमिलनाडु में लोग कार्तिकाई दीपम को कार्तिकाई विलाक्किडु भी कहते हैं। कार्तिगाई दीपम प्रकाश का एक और त्योहार है, जो पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। इसे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में प्राचीन तमिल लोगों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है।

इस दिन भक्त गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं।

साथ ही विधि अनुसार भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं, जो उनके नाम पर ही रखा गया है। वहीं पूजा करने के बाद शाम को दीपक समारोह आयोजित किया जाता है, जिसे लोग पूरी खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं।

मासिक कार्तिगाई 2024 पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • अपने घर के साथ पूजा घर को साफ करें।
  • पूरी श्रद्धा के साथ इस दिन भजन- कीर्तन करें।
  • अपने घरों को फूलों से सजाएं।
  • भगवान के सामने दीपक जलाएं।
  • पूरे घर को दीपक से रोशन करें।
  • विधिपूर्वक भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
  • आरती से पूजा का समापन करें।
  • पूजा के दौरान अपनी गलती के लिए क्षमा मांगे।
  • भगवान के समक्ष शंखनाद जरूर करें।  
  • व्रती पूजा के बाद अपना व्रत खोलें।
  • परिवार के लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
यह भी पढ़ें: Kuber Dev Mantra: शुक्रवार को पूजा के समय राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जाप, आर्थिक संकटों से मिलेगी निजात

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।