Masik Krishna Janmashtami 2024: आज है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, यहां पढ़ें व्रत कथा और पूजा विधि
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2024) 30 मई यानी आज मनाई जा रही है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्री कृष्ण की पूजा करने से जीवन के सभी संकटों का नाश होता है। साथ ही संतान संबंधित मुश्किलें भी दूर होती हैं। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ऐसे में इसका उपवास जरूर करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Krishna Janmashtami 2024: हिंदू धर्म में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, लोग इस दिन का उपवास रखते हैं और श्री कृष्ण के लड्डू गोपाल स्वरूप की पूजा पूर्ण श्रद्धा के साथ करते हैं। मासिक जन्माष्टमी हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।
इस माह यह 30 मई, 2024 दिन गुरुवार यानी आज मनाई जा रही है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन श्री कृष्ण की पूजा सच्चे दिल से करते हैं उनके सभी दुखों का नाश होता है।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
साधक सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद जो व्रत रखना चाहते हैं वे लोग कान्हा का आशीर्वाद लेकर व्रत का संकल्प लें। एक लकड़ी की चौकी पर भगवान कृष्ण की एक प्रतिमा स्थापित करें। पंचामृत, गंगाजल व शुद्ध जल से कृष्ण जी का अभिषेक करें। गोपी चंदन व हल्दी का तिलक लगाएं। माखन-मिश्री का तुलसी दल डालकर भोग लगाएं। भगवान कृष्ण के वैदिक मंत्रों का जाप करें।आरती के साथ अपनी पूजा का समापन करें। पूजा के बाद शंखनाद जरूर करें। फिर पूजा में हुई गलती के लिए माफी मांगे। अगले दिन भगवान कृष्ण के भोग से अपने व्रत का पारण करें। गरीबों की मदद करें।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा
भगवान श्री कृष्ण के जन्म को लेकर कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कृष्ण जी वासुदेव और देवकी के आठवें पुत्र हैं और उनसे पहले, अन्य सभी सात पुत्रों को असुर राजा कंस ने मार डाला था। ऐसा माना जाता है कि जब कान्हा का जन्म हुआ था, तब जेल के सभी ताले और द्वार अपने आप खुल गए थे। साथ ही सभी पहरेदार सो गए थे।इसके बाद उनके पिता वासुदेव ने नंद गांव जाकर उन्हें नंद बाबा को सौंप दिया था। अंतत: श्री कृष्ण ने कंस का वध कर प्रजा को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई और पूर्ण पृथ्वी पर फिर से सुख-शांति का वास हो गया था। आपको बता दें, कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।यह भी पढ़ें: Shri Hari Puja: श्री हरि की पूजा से दूर होंगे जीवन के सभी संकट, घर आएगी खुशहाली
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