Masik Krishna Janmashtami 2024: मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर करें राधा रानी की खास पूजा, प्रसन्न होंगे भगवान कृष्ण
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन का व्रत करने से संतान संबंधी सभी मुश्किलों का अंत होता है। इसके साथ ही जीवन में शुभता आती है। यह पर्व (Masik Krishna Janmashtami 2024) हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस माह यह 28 जून 2024 दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा होती है, ऐसी मान्यता है कि इस दिन का व्रत करने से संतान संबंधी सभी मुश्किलों का अंत होता है। इसके साथ ही जीवन में शुभता आती है। यह पर्व (Masik Krishna Janmashtami 2024) हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस माह यह, 28 जून, 2024 दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा।
इस मौके पर जो लोग भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें राधा रानी की उपासना जरूर करनी चाहिए। इसके साथ ही राधा चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
।।राधा चालीसा।।
।।दोहा।।श्री राधे वुषभानुजा,
भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दाविपिन विहारिणी,प्रानावौ बारम्बार ॥जैसो तैसो रावरौ,कृष्ण प्रिया सुखधाम ।चरण शरण निज दीजिये,सुन्दर सुखद ललाम ॥चौपाईजय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा ।कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥नित्य विहारिणी श्याम अधर ।अमित बोध मंगल दातार ॥रास विहारिणी रस विस्तारिन ।सहचरी सुभाग यूथ मन भावनी ॥
नित्य किशोरी राधा गोरी ।श्याम प्राण धन अति जिया भोरी ॥करुना सागरी हिय उमंगिनी ।ललितादिक सखियाँ की संगनी ॥दिनकर कन्या कूल विहारिणी ।कृष्ण प्रण प्रिय हिय हुल्सवानी ॥नित्य श्याम तुम्हारो गुण गावें ।श्री राधा राधा कही हर्शवाहीं ॥मुरली में नित नाम उचारें ।तुम कारण लीला वपु धरें ॥प्रेमा स्वरूपिणी अति सुकुमारी ।
श्याम प्रिय वृषभानु दुलारी ॥नावाला किशोरी अति चाबी धामा ।द्युति लघु लाग कोटि रति कामा ॥गौरांगी शशि निंदक वदना ।सुभाग चपल अनियारे नैना ॥जावक यूथ पद पंकज चरण ।नूपुर ध्वनी प्रीतम मन हारना ॥सन्तता सहचरी सेवा करहीं ।महा मोड़ मंगल मन भरहीं ॥रसिकन जीवन प्रण अधर ।राधा नाम सकल सुख सारा ॥अगम अगोचर नित्य स्वरूप ।
ध्यान धरत निशिदिन ब्रजभूपा ॥उप्जेऊ जासु अंश गुण खानी ।कोटिन उमा राम ब्रह्मणि ॥नित्य धाम गोलोक बिहारिनी ।जन रक्षक दुःख दोष नासवानी ॥शिव अज मुनि सनकादिक नारद ।पार न पायं सेष अरु शरद ॥राधा शुभ गुण रूपा उजारी ।निरखि प्रसन्ना हॉट बनवारी ॥ब्रज जीवन धन राधा रानी ।महिमा अमित न जय बखानी ॥प्रीतम संग दिए गल बाहीं ।
बिहारता नित वृन्दावन माहीं ॥राधा कृष्ण कृष्ण है राधा ।एक रूप दौऊ -प्रीती अगाधा ॥श्री राधा मोहन मन हरनी ।जन सुख प्रदा प्रफुल्लित बदानी ॥कोटिक रूप धरे नन्द नंदा ।दरश कारन हित गोकुल चंदा ॥रास केलि कर तुम्हें रिझावें ।मान करो जब अति दुःख पावें ॥प्रफ्फुल्लित होठ दरश जब पावें ।विविध भांति नित विनय सुनावें ॥वृन्दरंन्य विहारिन्नी श्याम ।
नाम लेथ पूरण सब कम ॥कोटिन यज्ञ तपस्या करुहू ।विविध नेम व्रत हिय में धरहु ॥तू न श्याम भक्ताही अपनावें ।जब लगी नाम न राधा गावें ॥वृंदा विपिन स्वामिनी राधा ।लीला वपु तुवा अमित अगाध ॥स्वयं कृष्ण नहीं पावहीं पारा ।और तुम्हें को जननी हारा ॥श्रीराधा रस प्रीती अभेद ।सादर गान करत नित वेदा ॥राधा त्यागी कृष्ण को भाजिहैं ।
ते सपनेहूं जग जलधि न तरिहैं ॥कीरति कुमारी लाडली राधा ।सुमिरत सकल मिटहिं भाव बड़ा ॥नाम अमंगल मूल नासवानी ।विविध ताप हर हरी मन भवानी ॥राधा नाम ले जो कोई ।सहजही दामोदर वश होई ॥राधा नाम परम सुखदायी ।सहजहिं कृपा करें यदुराई ॥यदुपति नंदन पीछे फिरिहैन ।जो कौउ राधा नाम सुमिरिहैन ॥रास विहारिणी श्यामा प्यारी ।
करुहू कृपा बरसाने वारि ॥वृन्दावन है शरण तुम्हारी ।जय जय जय व्र्शभाणु दुलारी ॥॥ दोहा ॥श्री राधा सर्वेश्वरी,रसिकेश्वर धनश्याम ।करहूँ निरंतर बास मै,श्री वृन्दावन धाम ॥॥ इति श्री राधा चालीसा ॥यह भी पढ़ें: Vastu Tips: सूर्यास्त के बाद भूलकर भी न लगाएं झाड़ू, वरना जीवन में आएंगी कई परेशानियां
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