Masik Shivratri 2023: मासिक शिवरात्रि पर करें भगवान शिव के 108 नामों का मंत्र जाप, सभी संकटों से मिलेगी निजात
Masik Shivratri 2023 शिव पुराण में वर्णित है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को देवों के देव महादेव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर शिव मंदिरों एवं मठों में देवों के देव महादेव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जा रही है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 11 Dec 2023 12:40 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2023: आज मासिक शिवरात्रि है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। शिव पुराण में वर्णित है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को देवों के देव महादेव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर शिव मंदिरों एवं मठों में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जा रही है। धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि पर शिव जी की पूजा करने से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अगर आप भी मनचाहा वर पाना चाहते हैं, तो आज संध्याकाल में भगवान शिव की पूजा-उपासना करें। साथ ही पूजा के समय भगवान शिव के 108 नामों का मंत्र जाप करें।
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भगवान शिव के 108 नाम
1. ॐ महाकाल नमः2. ॐ रुद्रनाथ नमः
3. ॐ भीमशंकर नमः4. ॐ नटराज नमः5. ॐ प्रलेयन्कार नमः6. ॐ चंद्रमोली नमः7. ॐ डमरूधारी नमः8. ॐ चंद्रधारी नमः9. ॐ भोलेनाथ नमः10. ॐ कैलाश पति नमः11. ॐ भूतनाथ नमः12. ॐ नंदराज नमः13. ॐ नन्दी की सवारी नमः14. ॐ ज्योतिलिंग नमः
15. ॐ मलिकार्जुन नमः16. ॐ भीमेश्वर नमः17. ॐ विषधारी नमः18. ॐ बम भोले नमः19. ॐ विश्वनाथ नमः20. ॐ अनादिदेव नमः21. ॐ उमापति नमः22. ॐ गोरापति नमः23. ॐ गणपिता नमः24. ॐ ओंकार स्वामी नमः
25. ॐ ओंकारेश्वर नमः26. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः27. ॐ भोले बाबा नमः28. ॐ शिवजी नमः29. ॐ शम्भु नमः30. ॐ नीलकंठ नमः31. ॐ महाकालेश्वर नमः32. ॐ त्रिपुरारी नमः33. ॐ त्रिलोकनाथ नमः34. ॐ त्रिनेत्रधारी नमः35. ॐ बर्फानी बाबा नमः36. ॐ लंकेश्वर नमः37. ॐ अमरनाथ नमः38. ॐ केदारनाथ नमः39. ॐ मंगलेश्वर नमः
40. ॐ अर्धनारीश्वर नमः41. ॐ नागार्जुन नमः42. ॐ जटाधारी नमः43. ॐ नीलेश्वर नमः44. ॐ जगतपिता नमः45. ॐ मृत्युन्जन नमः46. ॐ नागधारी नमः47. ॐ रामेश्वर नमः48. ॐ गलसर्पमाला नमः49. ॐ दीनानाथ नमः50. ॐ सोमनाथ नमः51. ॐ जोगी नमः52. ॐ भंडारी बाबा नमः53. ॐ बमलेहरी नमः54. ॐ गोरीशंकर नमः55. ॐ शिवाकांत नमः
56. ॐ महेश्वराए नमः57. ॐ महेश नमः58. ॐ संकटहारी नमः59. ॐ महेश्वर नमः60. ॐ रुंडमालाधारी नमः61. ॐ जगपालनकर्ता नमः62. ॐ पशुपति नमः63. ॐ संगमेश्वर नमः64. ॐ दक्षेश्वर नमः65. ॐ घ्रेनश्वर नमः66. ॐ मणिमहेश नमः67. ॐ अनादी नमः68. ॐ अमर नमः69. ॐ आशुतोष महाराज नमः70. ॐ विलवकेश्वर नमः71. ॐ अचलेश्वर नमः
72. ॐ ओलोकानाथ नमः73. ॐ आदिनाथ नमः74. ॐ देवदेवेश्वर नमः75. ॐ प्राणनाथ नमः76. ॐ शिवम् नमः77. ॐ महादानी नमः78. ॐ शिवदानी नमः79. ॐ अभयंकर नमः80. ॐ पातालेश्वर नमः81. ॐ धूधेश्वर नमः82. ॐ सर्पधारी नमः83. ॐ त्रिलोकिनरेश नमः84. ॐ हठ योगी नमः85. ॐ विश्लेश्वर नमः86. ॐ नागाधिराज नमः87. ॐ सर्वेश्वर नमः
88. ॐ उमाकांत नमः89. ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः90. ॐ त्रिकालदर्शी नमः91. ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः92. ॐ महादेव नमः93. ॐ गढ़शंकर नमः94. ॐ मुक्तेश्वर नमः95. ॐ नटेषर नमः96. ॐ गिरजापति नमः97. ॐ भद्रेश्वर नमः98. ॐ त्रिपुनाशक नमः99. ॐ निर्जेश्वर नमः100. ॐ किरातेश्वर नमः101. ॐ जागेश्वर नमः102. ॐ अबधूतपति नमः
103. ॐ भीलपति नमः104. ॐ जितनाथ नमः105. ॐ वृषेश्वर नमः106. ॐ भूतेश्वर नमः107. ॐ बैजूनाथ नमः108. ॐ नागेश्वर नमःयह भी पढ़ें: इन 3 मंदिरों में हनुमान जी के दर्शन मात्र से दूर हो जाते हैं सभी दुख और संताप
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