Masik Shivratri 2024: आज है मासिक शिवरात्रि, इस नियम से करें पूजा, नोट करें संपूर्ण जानकारी
इस साल मासिक शिवरात्रि का व्रत 4 जुलाई 2024 दिन गुरुवार यानी आज रखा जा रहा है। इस तिथि पर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा का विधान है जो साधक इस दिन का व्रत रखते हैं उन्हें अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। मासिक शिवरात्रि वह शुभ दिन है जब शिव भक्त विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। साथ ही कठिन व्रत का पालन करते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मासिक शिवरात्रि का व्रत शिव भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है। यह त्योहार हर मास कृष्ण पक्ष के 14वें दिन मनाया जाता है। इस बार यह व्रत, 4 जुलाई 2024, दिन गुरुवार यानी आज रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक इस तिथि (Masik Shivratri 2024) का उपवास रखते हैं, उन्हें सुख-शांति और धन-वैभव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि शिव जी की कृपा प्राप्त करने के लिए यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण होता है, तो आइए इसके बारे में जानते हैं।
पूजन विधि
साधक प्रात: उठकर स्नान करें। सुबह उठते ही उपवास का संकल्प शिव जी के समक्ष लें। एक वेदी पर शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें और विधि अनुसार उनकी पूजा करें। जैसे- पंचामृत से स्नान करवाएं। महादेव को सफेद चंदन का तिलक लगाएं। मां पार्वती को सिंदूर अर्पित करें। गाय के घी का दीपक जलाएं। खीर का भोग लगाएं। इसके साथ ही गुड़हल और सफेद फूलों की माला अर्पित करें।
शिव जी को बेलपत्र भी चढ़ाएं। शिव तांडव स्तोत्र, शिव चालीसा का पाठ करें। आरती से अपनी पूजा समाप्त करें। पूजन में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें। व्रती अगले दिन अपने व्रत का पारण करें।
प्रिय भोग - खीर और मालपुआ
प्रिय फूल - कनेर
शुभ योग
मासिक शिवरात्रि पर वृद्धि योग का निर्माण प्रात: 7 बजे से हो चुका है। वहीं, इसका समापन 05 जुलाई प्रात: 05 बजकर 14 मिनट पर होगा।
यह भी पढ़ें: Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर करें शिव-पार्वती की खास पूजा, वैवाहिक जीवन होगा सुखी
मासिक शिवरात्रि का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत शिव-पार्वती के मिलन यानी की उनके विवाह का प्रतीक है। इस तिथि पर शिव जी अपनी प्रसन्न मुद्रा में होते हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस उपवास को रखने से सभी पापों का नाश होता है। बता दें, मासिक शिवरात्रि भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व रखती है। साथ ही इसका पालन करने से भक्ति, समृद्धि, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।