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Masik Shivratri 2024: कार्तिक माह में कब मनाई जाएगी मासिक शिवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2024) पर देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा करने से विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं। साधक मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए भी शिव उपासना करते हैं। इस दिन कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 21 Oct 2024 04:43 PM (IST)
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Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2024: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करते हैं। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मासिक शिवरात्रि के दिन स्नान-ध्यान के बाद विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करें। आइए, मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में शिव-शक्ति की पूजा होती है। अतः 30 अक्टूबर को कार्तिक माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस शुभ तिथि पर भगवान शिव की पूजा का जाती है। 

मासिक शिवरात्रि शुभ योग (Masik Shivratri Shubh Yog)

मासिक शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 30 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 32 मिनट से हो रहा है। इस योग का समापन संध्याकाल 09 बजकर 43 मिनट पर होगा। इसके अलावा, भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होगा। 

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 32 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 49 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट से 06 बजकर 03 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।