Matsya Dwadashi 2023: इस दिन रखा जाएगा मत्स्य द्वादशी का व्रत, जानें पूजा विधि और लाभ
Matsya Dwadashi 2023 मत्स्य द्वादशी का व्रत बेहद शुभ माना गया है जो महिलाएं इस व्रत को रखती हैं उनके बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। वहीं इस व्रत को करने वाले पुरुषों को समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।इस व्रत का बहुत महत्व है जो भक्त इस दिन उचित विधि-विधान से व्रत रखते हैं उन्हें ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Mon, 18 Dec 2023 10:21 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Matsya Dwadashi 2023: सनातन धर्म में भगवान श्री विष्णु की पूजा बेहद कल्याणकारी मानी गई है। कहा जाता है, श्री हरि विष्णु अपने भक्तों की रक्षा सदैव करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री हरि ने पृथ्वी के पहले मनुष्य यानि मनु की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार लिया था, जो उनका पहला अवतार है।
उस विशेष दिन को मत्स्य द्वादशी के रूप में भी जाना जाता है, जो माह यह 23 दिसंबर को पड़ रही है। तो आइए इस पर्व से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम जान लेते हैं, जो इस प्रकार है।
पूजा विधि
- भक्त सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
- अपने घर के मंदिर को साफ करें।
- एक लकड़ी की चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- इस दिन भगवान विष्णु की सोलह प्रकार से पूजा की जाती है।
- भगवान को हल्दी और गोपीचंदन का तिलक लगाएं।
- फूलों की माला अर्पित करें।
- घर पर बनी मिठाई का भोग लगाएं।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- आरती से पूजा का समापन करें।
- पूजा के बाद ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं।
- पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए कठोर व्रत का पालन करें।
- जो लोग बिना कुछ खाए उपवास नहीं कर सकते, वे फलहारी की सहायता ले सकते हैं।
व्रत के लाभ
जो महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, उनके बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। वहीं इस व्रत को करने वाले पुरुषों को समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस व्रत का बहुत महत्व है, जो भक्त इस दिन उचित विधि-विधान से व्रत रखते हैं, उन्हें ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है। मत्स्य द्वादशी व्रत पापों का निवारण करता है। ऐसे में प्रत्येक साधक को इस उपवास को जरूर रखना चाहिए।
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