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Mauni Amavasya 2024: फरवरी में कब मनाई जाएगी मौनी अमावस्या? जानिए इस दिन मौन रहने का कारण

अमावस्या तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। इससे साधक को कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। साथ ही अमावस्या पर पितरों के निमित तर्पण और दान करने से भी साधक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं मौनी अमावस्या (Magh Amavasya 2024) पर स्नान का शुभ मुहूर्त और महत्व।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 31 Jan 2024 05:01 PM (IST)
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Mauni Amavasya 2024 जानिए मौनी अमावस्या पर मौन रहने का कारण।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mauni Amavasya 2024 Date: सनातन धर्म में अमावस्या की तिथि का विशेष है। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या कहलाती है। यह वह समय है, जब चंद्रमा पूर्ण रूप से अदृश्य हो जाता है, अर्थात दिखाई नहीं देता। माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। इस तिथि पर कई साधक मौन साधना करते हैं, जिस कारण इसे मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है, लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं?

मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त (Mauni Amavasya Shubh Muhurat)

माघ माह की अमावस्या तिथि 09 फरवरी सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर हो रही है। वहीं, इसका समापन 10 फरवरी प्रातः 04 बजकर 28 मिनट पह होगा। ऐसे में मौनी अमावस्या 09 फरवरी, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू हो जाता है और पूरे दिन चलता है। ऐसे में इस तिथि पर स्नान का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा -

स्नान का शुभ मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 21 मिनट से शुरू

मौन रहने का महत्व (Maun Vrat on Amavasya)

माघ माह में पड़ने वाली मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद कई साधक पूरे दिन मौन व्रत भी धारण करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र देव को मन के देवता माना जाता है। अमावस्या के दिन चंद्रमा नहीं दिखाई देता, जिस कारण मन की स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में अमावस्या तिथि पर मौन रहकर मन को नियंत्रण रखने का प्रयास किया है।

मौनी अमावस्या पर स्नान का महत्व

मौनी अमावस्या पर पवित्र नदी विशेषकर गंगा स्नान करने का विधान है। माना जाता है की अमावस्या पर देवता और पितृ, प्रयागराज के संगम में स्नान करने आते हैं। ऐसे में जो भी व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में गंगा नदी में स्नान करता है, उसे लंबी आयु के साथ-साथ आरोग्य की भी प्राप्ति होती है। यदि आपके लिए गंगा नदी में जाकर स्नान करना संभव नहीं है, तो ऐसे में आप घर पर पानी में ही गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी