Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Mauni Amavasya 2024: इस साल इस दिन मनाई जाएगी मौनी अमावस्या, यहां जानिए तिथि और महत्व

Mauni Amavasya 2024 मौनी अमावस्या को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल यह 9 फरवरी को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियां अमृत में बदल जाती हैं। इसलिए इस विशेष दिन पर गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। तो चलिए इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानते हैं -

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sat, 27 Jan 2024 11:28 AM (IST)
Hero Image
Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या का महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mauni Amavasya 2024: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे माघ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, यह माघ महीने में आती है। इस साल यह 9 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन लोग मौन व्रत रखते हैं, जिसे मौन व्रत के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि मौनी शब्द का शाब्दिक अर्थ मौन होता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन बिना किसी से बात किए खुद को समझने और नियंत्रण करने के लिए बेहद खास है।

यह भी पढ़ें: Chanakya Niti Tips: आचार्य चाणक्य के अनुसार, रोजाना सुबह उठकर करें ये काम, नहीं होगी धन की कोई कमी

मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व

मौनी अमावस्या का बड़ा धार्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियां अमृत में बदल जाती हैं। इसलिए इस शुभ अवसर पर गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस दिन कई सारे धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं, जिन्हें करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कहा जाता है पूजा-अर्चना के लिए यह दिन बेहद कल्याणकारी है।

मौनी अमावस्या 2024 पर किए जाने वाले 4 महत्वपूर्ण काम

  • इस दिन लोग अपने पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान, श्राद्ध कर्म करते हैं।
  • पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन कई अनुष्ठानों का पालन किया जाता है।
  • इस अवसर पर गंगा नदी में पवित्र स्नान और पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है।
  • इस दिन गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए दान करना बेहद लाभदायक माना जाता है।

गंगा मंत्र

  • ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।
  • गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
  • गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं। त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।।

यह भी पढ़ें: Banke Bihari Temple: क्यों लगाया जाता है बांके बिहारी मंदिर में बार-बार पर्दा? जाने इसका रहस्य

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'