Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग समेत बन रहे हैं ये 3 शुभ संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल
मौनी अमावस्या पर मंगलकारी सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 05 मिनट से शुरू हो रहा है जो देर रात 11 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं संध्याकाल 07 बजकर 08 मिनट से वरीयान योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में पूजा जप-तप और दान-पुण्य करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 21 Jan 2024 02:55 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mauni Amavasya 2024: सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा-जप-तप एवं दान-पुण्य किया जाता है। यह पर्व हर वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी के अगले दिन मनाया जाता है। तदनुसार, इस वर्ष 9 फरवरी को मौनी अमावस्या है। इस दिन गंगा समेत पवित्र नदियों में साधक आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसके बाद विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-उपासना करेंगे। साथ ही पूजा समापन के पश्चात दान-पुण्य करेंगे। धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पूजा-पाठ, दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सकल मनोरथ पूर्ण होते हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिषियों की मानें तो मौनी अमावस्या के दिन मंगलकारी सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही वरीयान योग का भी अद्भुत संयोग बनेगा। आइए, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में जानते हैं-
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शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो माघ अमावस्या 09 फरवरी को सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी और 10 जनवरी को सुबह 04 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से दिन की गणना की जाती है। अतः 09 फरवरी को मौनी अमावस्या है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
मौनी अमावस्या पर मंगलकारी सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 05 मिनट से शुरू हो रहा है, जो देर रात 11 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं, संध्याकाल 07 बजकर 08 मिनट से वरीयान योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शिव मां गौरी के साथ रहेंगे।सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 05 मिनट परसूर्यास्त - शाम 06 बजकर 06 मिनट परचंद्रास्त- संध्याकाल 05 बजकर 27 मिनट पर