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Mehandipur Balaji Temple: क्यों घर नहीं लाना चाहिए मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद, जानिए और भी कई नियम

हिंदू धर्म में मंदिर जाने के बाद प्रसाद आवश्यक रूप से लिया जाता है। प्रसाद को लाकर लोग घर के सदस्यों या फिर आस-पड़ोस में भी बांटते हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद घर में लाना शुभ नहीं माना जाता।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 16 Jun 2023 01:37 PM (IST)
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Mehandipur Balaji Temple क्यों घर नहीं लाना चाहिए मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Mehandipur Balaji Temple: राजस्थान में स्थित मेहंदीपुर बालाजी भारत के जाने-माने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में विराजमान हैं। मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। लेकिन यह भी कहा जाता है कि यहां का प्रसाद कभी भी घर नहीं लेकर आना चाहिए। आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण हैं।

घर क्यों नहीं लाना चाहिए प्रसाद

माना जाता है कि इस मंदिर में भूत-प्रेत आदि बाधाओं से छुटकारा मिलता है। इस मंदिर से प्रसाद, कोई भी खाने-पीने की चीज या सुगंधित चीज को अपने घर नहीं लाना चाहिए। ऐसा करने से, ऊपरी साया आप पर आ जाता है।

मंदिर में इन नियमों का भी रखें ध्यान

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में जाने से पहले कुछ नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। दर्शन करने से कम-से-कम एक हफ्ते पहले से भक्तों को प्याज, लहसुन, नॉनवेज और शराब आदि का सेवन बंद कर देना चाहिए। तभी बजरंगबली प्रसन्न होते हैं। साथ ही प्रभु श्री राम और सीता के दर्शन करना जरूरी है वरना पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। मेहंदीपुर बालाजी की आरती के समय केवल भगवान की तरफ ही देखें। इस समय पीछे मुड़कर देखना या इधर-उधर नहीं देखना चाहिए।

इस तरीके से चढ़ाया जाता है प्रसाद

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रसाद दो तरीके से चढ़ाया जाता है। एक होता है दरखास्त और दूसरा अर्जी। दरखास्त  के प्रसाद को 2 बार खरीदना होता है। इस प्रसाद को चढ़ाने के बाद मंदिर से शीघ्र ही निकल जाना होता है। वहीं, अर्जी का प्रसाद 3 थालियों में दिया जाता है। अर्जी का प्रसाद लौटते समय पीछे की ओर फेंका जाता है। जिसे मुड़कर देखना मना है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'