Jyotish Shastra: मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं तो जानें अपने ग्रहों की स्थिति, करें ये उपाय
Jyotish Shastra यदि आपके घर में भी कोई मानसिक तनाव से जूझ रहा है डॉक्टरों के चक्कर काट कर थक चुका है लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है तो चिंता मत कीजिए। हम आपको बताएंगे कि मानसिक तनाव के क्या कारण होते हैं और इसका निवारण क्या है...
नई दिल्ली। Jyotish Shastra: आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में मानसिक तनाव होना आम बात है। कई बार लोग डॉक्टरों के चक्कर भी काटते हैं फिर भी कोई हल नहीं निकलता है। हालांकि कुछ समस्याओं का हल ज्योतिष में ही छुपा होता है। उनमें से एक समस्या मानसिक तनाव की भी है। ज्योतिष शास्त्र में मानसिक तनाव होने के कारण के बारे में भी बताया गया है और उसके निवारण के बारे में भी। तो चलिए जानते हैं तनाव के कारणों और उसके हल के बारे में।
चंद्रमा मन का और बुध बुद्धि का है प्रतीक
कहते हैं कि चंद्रमा हमारे मन में हो रही हलचल और मानसिक तनाव दोनों का कारण होता है। धरती के सबसे नजदीक अगर कोई है तो वो चंद्रमा है। इसके बाद धरती के सबसे अधिक निकट बुध ग्रह है। धरती के सबसे अधिक नजदीक होने की वजह से इन दोनों का मनुष्य के मन पर अधिक प्रभाव पड़ता है। चंद्रमा मन का व बुध बुद्धि का कारक माना गया है। यदि बुध ग्रह बुद्धि हर लेता है तो मन पर बुद्धि का हावी होना तय हो जाता है। बुद्धि जब मन पर हावी हो जाती है तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उससे मानसिक तनाव की स्थिति पैदा होती है। तो चलिए जानते हैं कि ग्रहों की किन-किन स्थितियों में तनाव पैदा होता है।
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इन स्थितियों में पैदा होता है तनाव
- व्यक्ति की कुंडली में लग्नेश नीच राशि में हो तो तनाव होता है। कुंडली में लग्नेश अशुभ भावों में हो तो भी तनाव होता है।
- कुंडली में चंद्रमा की स्थिति अशुभ हो या चंद्रमा नीच राशि में नजर आए तब तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है।
- कुंडली में चंद्र और शनि पाप ग्रह में हों या फिर चंद्र और शनि ग्रह की युति हो। ऐसे में भी तनाव होता है।
- यदि कुंडली में चंद्र और सूर्य करीब भाव में हों तो भी तनाव होता है।
- कुंडली में राहु या शनि हो तो चंद्रमा राहु केतु के साथ अशुभ भाव बनाता है।
उपाय
व्यक्ति को इन सभी स्थितियों में मानसिक तनाव होना संभव है। ऐसे में ज्योतिषी व्यक्ति को मूंगा धारण करने की सलाह देते हैं। ज्योतिष के मुताबिक में यह तनाव से निवारण का इलाज है।
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