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Mithun Sankranti 2024: मिथुन संक्रांति पर करें सूर्य देव के 108 नामों का मंत्र जप, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

सनातन धर्म में संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान पूजा जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। इस दिन बड़ी संख्या में साधक नदी या सरोवर में स्नान करते हैं। इसके बाद विधिपूर्वक सूर्य नारायण की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 11 Jun 2024 10:00 PM (IST)
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Mithun Sankranti 2024: मिथुन संक्रांति पर करें सूर्य देव के 108 नामों का मंत्र जप

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mithun Sankranti 2024: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को आत्मा का कारक माना जाता है। कुंडली में सूर्य मजबूत रहने पर जातक को अपने जीवन में उंचा मुकाम हासिल होता है। साथ ही पद-प्रतिष्ठा में भी समय के साथ बढ़ोतरी होती है। सूर्य उपासना करने से जातक को सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। सूर्य देव की कृपा से साधक को आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है। ज्योतिषियों की मानें तो 15 जून को मिथुन संक्रांति है। इस दिन सूर्य देव वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। अगर आप भी सूर्य देव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मिथुन संक्रांति पर विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय सूर्य देव के 108 नामों का मंत्र जप करें। सूर्य देव के नामों के मंत्र जप से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं।

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सूर्यदेव 108 नाम

  1. ॐ अरुणाय नमः
  2. ॐ शरण्याय नमः
  3. ॐ करुणारससिन्धवे नमः
  4. ॐ असमानबलाय नमः
  5. ॐ आर्तरक्षकाय नमः
  6. ॐ आदित्याय नमः
  7. ॐ आदिभूताय नमः
  8. ॐ अखिलागमवेदिने नमः
  9. ॐ अच्युताय नमः
  10. ॐ अखिलज्ञाय नमः
  11. ॐ अनन्ताय नमः
  12. ॐ इनाय नमः
  13. ॐ विश्वरूपाय नमः
  14. ॐ इज्याय नमः
  15. ॐ इन्द्राय नमः
  16. ॐ भानवे नमः
  17. ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः
  18. ॐ वन्दनीयाय नमः
  19. ॐ ईशाय नमः
  20. ॐ सुप्रसन्नाय नमः
  21. ॐ सुशीलाय नमः
  22. ॐ सुवर्चसे नमः
  23. ॐ वसुप्रदाय नमः
  24. ॐ वसवे नमः
  25. ॐ वासुदेवाय नमः
  26. ॐ उज्ज्वल नमः
  27. ॐ उग्ररूपाय नमः
  28. ॐ ऊर्ध्वगाय नमः
  29. ॐ विवस्वते नमः
  30. ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः
  31. ॐ हृषीकेशाय नमः
  32. ॐ ऊर्जस्वलाय नमः
  33. ॐ वीराय नमः
  34. ॐ निर्जराय नमः
  35. ॐ जयाय नमः
  36. ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः
  37. ॐ ऋषिवन्द्याय नमः
  38. ॐ रुग्घन्त्रे नमः
  39. ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः
  40. ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः
  41. ॐ नित्यस्तुत्याय नमः
  42. ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः
  43. ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः
  44. ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः
  45. ॐ पुष्कराक्षाय नमः
  46. ॐ लुप्तदन्ताय नमः
  47. ॐ शान्ताय नमः
  48. ॐ कान्तिदाय नमः
  49. ॐ घनाय नमः
  50. ॐ कनत्कनकभूषाय नमः
  51. ॐ खद्योताय नमः
  52. ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः
  53. ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः
  54. ॐ अपवर्गप्रदाय नमः
  55. ॐ आर्तशरण्याय नमः
  56. ॐ एकाकिने नमः
  57. ॐ भगवते नमः
  58. ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः
  59. ॐ गुणात्मने नमः
  60. ॐ घृणिभृते नमः
  61. ॐ बृहते नमः
  62. ॐ ब्रह्मणे नमः
  63. ॐ ऐश्वर्यदाय नमः
  64. ॐ शर्वाय नमः
  65. ॐ हरिदश्वाय नमः
  66. ॐ शौरये नमः
  67. ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः
  68. ॐ भक्तवश्याय नमः
  69. ॐ ओजस्कराय नमः
  70. ॐ जयिने नमः
  71. ॐ जगदानन्दहेतवे नमः
  72. ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः
  73. ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः
  74. ॐ असुरारये नमः
  75. ॐ कमनीयकराय नमः
  76. ॐ अब्जवल्लभाय नमः
  77. ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः
  78. ॐ अचिन्त्याय नमः
  79. ॐ आत्मरूपिणे नमः
  80. ॐ अच्युताय नमः
  81. ॐ अमरेशाय नमः
  82. ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः
  83. ॐ अहस्कराय नमः
  84. ॐ रवये नमः
  85. ॐ हरये नमः
  86. ॐ परमात्मने नमः
  87. ॐ तरुणाय नमः
  88. ॐ वरेण्याय नमः
  89. ॐ ग्रहाणांपतये नमः
  90. ॐ भास्कराय नमः
  91. ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः
  92. ॐ सौख्यप्रदाय नमः
  93. ॐ सकलजगतांपतये नमः
  94. ॐ सूर्याय नमः
  95. ॐ कवये नमः
  96. ॐ नारायणाय नमः
  97. ॐ परेशाय नमः
  98. ॐ तेजोरूपाय नमः
  99. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
  100. ॐ सम्पत्कराय नमः
  101. ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः
  102. ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः
  103. ॐ श्रीमते नमः
  104. ॐ श्रेयसे नमः
  105. ॐ सौख्यदायिने नमः
  106. ॐ दीप्तमूर्तये नमः
  107. ॐ निखिलागमवेद्याय नमः
  108. ॐ नित्यानन्दाय नमः

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