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Mohini Ekadashi 2023: मोहिनी एकादशी पर इन बातों का ध्यान रखकर करें पूजा-पाठ

Mohini Ekadashi 2023 सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि एकादशी के दिन उपवास रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सभी प्रकार की खुशियां आती है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Mon, 01 May 2023 08:59 AM (IST)
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Mohini Ekadashi 2023: मोहिनी एकादशी के दिन जरूर रखें इन बातों का ध्यान।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Mohini Ekadashi 2023: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की विशेष आराधना करने से साधक को पुण्य की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास में मोहिनी एकादशी व्रत 01 अप्रैल 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत रखने से धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं, एकादशी व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें और जरूरी नियम।

महाभारत काल से मिलता है एकादशी व्रत का वर्णन

महाभारत में भी एकादशी व्रत के महत्व को विस्तार से बताया गया है। भगवान श्री कृष्ण ने‌ युधिष्ठिर और अर्जुन को एकादशी व्रत के महत्व के विषय में बताया था। उन्होंने कहा था कि एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ एकादशी का उपवास रखने से सभी पापों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।

मोहिनी एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी ना करें यह गलतियां

  • शास्त्रों में मोहिनी एकादशी व्रत के संदर्भ में कुछ विशेष नियम बताए हैं। मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से व्रत सफल होता है और भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं।

  • मोहिनी एकादशी व्रत के दिन पति-पत्नी में विवाद नहीं होना चाहिए। बल्कि, घर में धार्मिक माहौल बना रहना चाहिए।

  • एकादशी व्रत के दिन मांस या मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान क्रोधित जाते हैं और व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां उत्पन्न हो जाती है।

  • जो लोग व्रत का पालन कर रहे हैं, उन्हें इस दिन अपना मन शांत रखना चाहिए। साथ ही क्रोध भूलकर भी नहीं करना चाहिए। मन में गलत विचार उत्पन्न ना हो, इसका भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।

  • एकादशी व्रत के दिन किए गए लोभ या कहे गए झूठ से व्यक्ति को बहुत परेशानियां उठानी पड़ती है। इसलिए इन आदतों को कम से कम एकादशी व्रत के दिन तो नहीं करना चाहिए।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।