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Mohini Ekadashi 2024: 18 या 19 मई में कब है मोहिनी एकादशी ? यहां दूर करें अपनी कंफ्यूजन

मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2024) पर साधक भगवान विष्णु के लिए कठोर उपवास रखते हैं और उनकी विधिपूर्वक पूजा करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु अप्सरा के रूप में प्रकट हुए थे इसलिए इस एकादशी को अन्य एकादशी में सबसे महत्वपूर्ण माना गया है तो आइए यह एकादशी कब मनाई जाएगी ? सही डेट जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 16 May 2024 12:16 PM (IST)
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Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी कब मनाई जाएगी ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mohini Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को सबसे शुभ तिथियों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है जो लोग इस दिन का व्रत रखते हैं उन्हें समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में धन की देवी का वास रहता है।

वहीं, इस साल यह एकादशी कब मनाई जाएगी ? इस बात को लेकर लोगों के मन में दुविधा बनी हुई है, तो आइए सभी की दुविधा को दूर करते हुए सही तारीख जानते हैं -

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मोहिनी एकादशी कब मनाई जाएगी ?

मोहिनी एकादशी 18 मई, 2024 दिन शनिवार सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 19 मई, 2024 दिन रविवार दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए, मोहिनी एकादशी का व्रत 19 मई, 2024 को रखा जाएगा।

मोहिनी एकादशी का धार्मिक महत्व

मोहिनी एकादशी का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन साधक भगवान विष्णु के लिए कठोर उपवास रखते हैं और उनकी विधिपूर्वक पूजा करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर, भगवान विष्णु अप्सरा के रूप में प्रकट हुए थे, इसलिए इस एकादशी को अन्य एकादशी में सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। इस विशेष तिथि पर भक्त कृष्ण और श्री हरि के मंदिरों में जाते हैं और दान-पुण्य करते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।