Move to Jagran APP

Mokshada Ekadashi 2023: मोक्षदा एकादशी के दिन घर लाएं ये चीजें, घर में बनी रहेगी संपन्नता

Mokshada Ekadashi 2023 ऐसा माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से पापों का नाश होता है और न केवल व्रत करने वाले को बल्कि उनके पूर्वजों को भी मुक्ति मिलती है। इस एकादशी का महत्व इस वजह से और भी बढ़ जाता है कि क्योंकि इसी दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया था।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediPublished: Sun, 17 Dec 2023 02:09 PM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2023 04:42 PM (IST)
Mokshada Ekadashi 2023: मोक्षदा एकादशी के धार्मिक फायदे

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mokshada Ekadashi 2023: एकादशी का पर्व शास्त्रों में बहुत ही शुभ माना जाता है। यह मार्गशीर्ष महीने के ग्यारहवें दिन मनाई जाती है। इस माह यह 22 दिसंबर 2023 को पड़ रही है। साल की अंतिम एकादशी होने की वजह से इसका विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सच्चे भाव के साथ पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मोक्षदा एकादशी के धार्मिक फायदे

ऐसा माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से पापों का नाश होता है और न केवल व्रत करने वाले को बल्कि उनके पूर्वजों को भी मुक्ति मिलती है। इस एकादशी का महत्व इस वजह से और भी बढ़ जाता है कि क्योंकि इसी दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया था। ऐसे में इस अवसर पर गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ संबंधी कई दोषों से मुक्ति मिलती है।

मोक्षदा एकादशी पर घर लाएं ये चीजें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोक्षदा एकादशी के दिन अगर कुछ उपाय किया जाए, तो बहुत सी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। वहीं अगर इस दिन कुछ विशेष वस्तुएं आप अपने घर लाते हैं, तो आपके घर में संपन्नता हमेशा बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन घर में सफेद हाथी की मूर्ति, कामधेनु गाय और मछली की मूर्ति अवश्य लाना चाहिए। कहा जाता है, जो जातक ऐसा करते हैं उनके जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। साथ ही घर में माता लक्ष्मी का वास रहता है। ऐसे में इस दिन इन चीजों को अवश्य लाना चाहिए।

इन मंत्रों से करें भगवान विष्णु की पूजा

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।

मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।

यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

यह भी पढ़ें: Margashirsha Purnima 2023: दशकों बाद मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर बन रहा है दुर्लभ 'शुक्ल' योग, प्राप्त होगा अक्षय फल

डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देंश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.