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Mokshada Ekadashi 2023: ध्यान रखें मोक्षदा एकादशी से जुड़े जरूरी नियम, मिलेगा पूजा का पूर्ण फल

Mokshada Ekadashi 2023 मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाने वाली मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार इस बार मोक्षदा एकादशी 22 दिसंबर शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। जैसा की इस एकादशी के नाम से ही स्पष्ट होता है इस दिन साधक द्वारा व्रत और पूजा-अर्चना करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 20 Dec 2023 12:17 PM (IST)
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Mokshada Ekadashi 2023 यहां पढ़ें मोक्षदा एकादशी से जुड़े जरूरी नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mokshada Ekadashi 2023 Vrat: प्रभु श्री हरि के लिए समर्पित एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। कई साधक इस विशेष तिथि पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए व्रत भी रखते हैं। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी भी कहते हैं। यदि आप भी एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो इस नियमों का ध्यान जरूर रखें। 

इन कार्यों से मिलेगा लाभ ( Vrat Niyam)

एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर, भगवान विष्णु का ध्यान और पूजा-अर्चना करें। इस दिन तुलसी पर घी का दीपक जलाएं, इसके साथ ही ॐ वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करते हुए तुलसी के पौधे के की 11 परिक्रमा करें। ऐसा करने से साधक को भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है।

साथ ही आप श्री हरि की कृपा प्राप्ति के लिए मोक्षदा एकादशी के विशेष अवसर पर गरीबों को अपनी क्षमता अनुसार दान करें। इसके साथ ही इस दिन भजन-कीर्तन करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। वैसे तो एकादशी तिथि पर निर्जला व्रत रखना शुभ माना जाता है, लेकिन यदि ये संभव न हो, तो आप फलाहार कर सकते हैं।

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खंडित हो सकता है व्रत

एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी के पौधे पर जल न चढ़ाएं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन तुलसी के पत्ते भी नहीं उतारने चाहए। साथ ही एकादशी तिथि पर चावल खाने के भी मनाही है। एकादशी के दिन बाल और नाखून काटना भी शुभ नहीं माना जाता है। इस दिन चोरी, हिंसा और क्रोध करने से बचना चाहिए। इन सभी कार्यों को करने से आपका व्रत खंडित हो सकता है।

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