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Mokshada Ekadashi 2023: दशकों बाद मोक्षदा एकादशी पर 'शिव' योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा कई गुना फल

धार्मिक मत है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिषियों की मानें तो मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 11 Dec 2023 02:40 PM (IST)
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Mokshada Ekadashi 2023: दशकों बाद मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ 'शिव' योग का हो रहा है निर्माण
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mokshada Ekadashi 2023: सनातन पंचांग के अनुसार, 22 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। धार्मिक मत है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिषियों की मानें तो मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 23 दिसंबर को सुबह 07 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 22 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी।

सर्वार्थ सिद्धि योग

मोक्षदा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 07 बजकर 10 मिनट से लेकर संध्याकाल 09 बजकर 36 मिनट तक है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को कई गुना फल प्राप्त होगा।

रवि योग

मोक्षदा एकादशी पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 07 बजकर 10 मिनट से लेकर संध्याकाल 09 बजकर 36 मिनट तक है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

शिव योग

ज्योतिषियों की मानें तो दशकों बाद मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 11 बजकर 11 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 23 दिसंबर को प्रातः काल 09 बजकर 08 मिनट तक है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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डिसक्लेमर:'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'